भारत में सड़क दुर्घटनाओं में हर साल करीब 1.5 लाख लोगों की क्यों जान जाती है। क्यों यहां होनेवाला लगभग हर हादसा जानलेवा बन जाता है। क्या एक्सीडेंट के बाद घायलों को सही इलाज मिलने का इंतजाम नहीं है। क्या हमारी सड़कें खराब हैं या हम ट्रैफिक के नियम नहीं जानते ना ही उसे नहीं मानते हैं और सरकार ऐसे हादसों को रोकने के लिए क्या कर रही है। सवाल बहुत हैं और आवाज़ इसे एक मुहिम के तौर पर उठा रहा है।
सड़क हादसे की घटनाएं हमें चौकाती जरूर हैं लेकिन ऐसे हादसे हमारे देश में बेहद आम हैं। आंकड़ों के मुताबिक हमारे देश में हर मिनट में 1 रोड एक्सिडेंट होता है और हर 4 मिनट में सड़क दुर्घटना में एक जान जाती है। दुनिया में सबसे ज्यादा सड़क हादसे भारत में होते हैं। 10 में से एक दुर्घटना भारत में होती है। बिना गाड़ी वाले भी महफूज नहीं हैं। रोड एक्सिडेंट में मरने वाले 38 फीसदी वो लोग होते हैं जो पैदल चल रहे होते हैं। जबकि 30 फीसदी साइकिल या मोटरसाइकिल सवार होते हैं। पिछले 10 सालों में दोपहिया वाहनों की संख्या दोगुनी हो चुकी है लेकिन क्या हमारी सड़कें ट्रैफिक के इस बढ़े बोझ को सह पाने के लिए तैयार हैं। क्यों सरकार इस दिशा में नहीं सोचती?
इंटरनेशनल रोड फेडरेशन के मुताबिक 90 फीसदी हादसे ड्राइवर की गलती की वजह से होते हैं। सवाल उठने लाजिमी हैं। क्या ड्राइविंग लाइसेंस देते वक्त कायदे से जांच परख की जाती है? क्या सुरक्षा मानकों पर गाड़ियों की कड़ी जांच-पड़ताल होती है? ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर क्या और सख्ती नहीं होनी चाहिए। रोड सेफ्टी बिल अभी लोकसभा में लटका हुआ है। इस बिल में ट्रैफिक नियम तोड़ने पर भारी जुर्माने का प्रावधान है। सवाल ये भी बड़ा है कि लोगों की जिंदगी से जुड़े कानून सरकारों के एजेंडे में ऊपर क्यों नहीं होते हैं? और आवाज़ इन्हीं सब सवालों को उठा रहा है अपनी इस खास मुहिम में जो रोड एक्सीडेंट के खिलाफ है ताकि हमारा आपका सबका सफर सुरक्षित रहे।
भारत में सड़क सुरक्षा सवालों के घेरे में है क्योंकि दुनिया में सबसे ज्यादा सड़क हादसे भारत में होते हैं। कानून की कमी या जागरूकता की कमी कौनसा कारक ज्यादा है इस पर अभी सवाल हैं। क्या सड़कों पर दबाव अब काफी ज्यादा हैं और सड़क हादसों में घायल होने वालों को समय पर आपात स्वास्थ्य सेवा क्यों नहीं मिलती है, इस दिशा में अभी काफी काम करना बाकी है।
भारत में रोज 1300 से ज्यादा सड़क हादसे होते हैं और हर दिन सड़क हादसे में करीब 400 मौतें होती हैं। सड़क हादसों में सालाना करीब 20 अरब डॉलर का नुकसान होता है और दुनियाभर में कुल सड़क हादसों का 10 फीसदी अकेले भारत में होते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने रोड सेफ्टी के नियम लागू करने के लिए कमेटी बनाई है और हाइवे मिनिस्ट्री का 10 फीसदी खर्च अकेले रोड सेफ्टी पर होता है। भारत में 12 करोड़ से ज्यादा वाहन हैं और इनके चलने के लिए पर्याप्त सड़क इंफ्रास्ट्रक्टर होना जरूरी है।
सड़क सुरक्षा के 10 नियमों का पालन करना काफी जरूरी है और इन्हें जानना जरूरी है। गाड़ी चलाते समय सीट बेल्ट का इस्तेमाल करें, ड्राइविंग के नियमों का पालन करें, स्पीड लिमिट का ध्यान रखें, गाड़ी के टायरों और एयर प्रेशर की नियमित जांच कराएं, नशे की हालत में ड्राइविंग ना करें, बच्चों को सीट बेल्ट जरूर लगाएं, गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल पर बात ना करें, थके होने और नींद आने पर ड्राइव न करें, टू व्हीलर चलाते वक्त हेल्मेट जरूर पहनें और गाड़ी चलाते समय दूसरों का ख्याल रखें जैसे नियमों का पालन करने पर हम स्वयं भी सुरक्षित रह सकते हैं और अपने वाहनों को भी सुरक्षित रख सकते हैं।
Be Aware Be Alert Be Safe Be Positive
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