Traffic foundation

Tuesday, 12 December 2017

सड़क सुरक्षा नियम



चाहे पैदल यात्री हों या वाहन चालक, सड़क संबंधी नियमों का पालन सभी के लिए बेहद ज़रूरी है, ताकि आकस्मिक दुर्घटनाओं से बचा जा सके. ऐसे में ज़रूरी है कि आप न स़िर्फ रोड सेफ्टी रूल्स के बारे में जानें, बल्कि इनका पालन भी करें.

एक नज़र इन आंकड़ों पर डालें-
– भारत में हर साल 1,20,000 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं और 12,70,000 लोग गंभीर रूप से घायल होते हैं.
– अगर आंकड़ों की बात करें, तो भारत में हर छह मिनट में एक मौत सड़क दुर्घटना में होती है और वर्ष 2020 तक यह आंकड़ा हो जाएगा- हर 3 मिनट में एक मौत.
– यह आंकड़े भी स़िर्फ उन दुर्घटनाओं के हैं, जिनके बारे में रिकॉर्ड रहता है, जबकि ग्रामीण इलाकों में कई दुर्घटनाओं के बारे में पता तक नहीं चलता, जिसका सीधा-सीधा मतलब यह है कि सही आंकड़े इससे कहीं अधिक गंभीर हो सकते हैं.
– पूरे विश्‍व के मुक़ाबले अकेले भारत में 10% मौतें सड़क दुर्घटनाओं में होती हैं.
– नेशनल ट्रांसपोर्टेशन प्लानिंग एंड रिसर्च सेंटर (एनटीपीआरसी) के एक्सपर्ट्स के मुताबिक, विकसित देशों के मुक़ाबले भारत में सड़क दुर्घटनाएं 3 गुना अधिक होती हैं. आंकड़े और भी बहुत हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि इन दुर्घटनाओं को कम कैसे किया जाए?
– सबसे ज़रूरी है कि सड़क से संबंधित मूल नियमों का ईमानदारी से पालन किया जाए, चाहे वो सड़क पर चलनेवाले लोग हों या वाहन

चालक. 
यदि सभी नियमों का सही तरी़के से पालन करेंगे, तो दुर्घटनाएं कम होंगी.
– सुरक्षा नियमों का पालन बच्चों को सिखाना बहुत ज़रूरी है और यह तभी संभव है, जब पैरेंट्स और टीचर्स ख़ुद इन नियमों का पालन करें.
– चलते व़क्त हमेशा फुटपाथ का उपयोग करें. जहां फुटपाथ न हों, वहां सड़क के एकदम बाईं ओर ही चलें.
– कभी भी धैर्य खोकर जल्दबाज़ी न दिखाएं. सिग्नल तोड़कर या सामने से गाड़ी को आता देख भागकर रोड क्रॉस कभी न करें.
– सड़क क्रॉस करते व़क्त ज़ेब्रा क्रॉसिंग सिग्नल, सब-वे, फुट ओवर ब्रिज का उपयोग करें. जिन जगहों पर ये सुविधाएं न हों, वहां सुरक्षित जगह देखकर क्रॉस करें.
– ग्रीन सिग्नल के व़क्त ही रोड क्रॉस करें या फिर यदि वहां ट्रैफिक पुलिस है, तो उसके निर्देशों के अनुसार सड़क क्रॉस करें.
– जो लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें भी ध्यान रखना चाहिए कि कभी भी भागकर बस न पकड़ें.
– हमेशा कतार में रहें और उसी के अनुसार बस में चढ़ें. हैंडल पकड़कर रखें.
– उतरते व़क्त भी बस के पूरी तरह से रुकने पर ही उतरें, चलती बस से कभी न उतरें.
– सड़क क्रॉस करते व़क्त या सामान्य रूप से सड़क पर चलते व़क्त भी मोबाइल या हैंड्स फ्री का इस्तेमाल न करें. यदि बात करनी है, तो एक सुरक्षित जगह देखकर, रुककर बात करें.
– हैंड सेट को तेज़ वॉल्यूम पर रखकर गाने सुनते हुए न चलें, इससे गाड़ी के हॉर्न की आवाज़ वग़ैरह आप सुन नहीं पाएंगे.
– सड़क क्रॉस करते समय दोनों तरफ़ अच्छी तरह देखकर ही क्रॉस करें.

जो लोग गाड़ी चलाते हैं-
– कीप लेफ्ट यानी बाईं ओर ही वाहन चलाएं.
– बाईं ओर से टर्न लेना हो, तो टर्न लेने के बाद भी बाईं ओर ही गाड़ी चलाएं.
– लेन को कट-क्रॉस न करें, जैसे- आपको बाईं तरफ़ टर्न लेना है, तो गाड़ी को दाहिनी तरफ़ रखकर फिर बाईं ओर मुड़ने का जोख़िम न उठाएं. शुरू से ही बाईं ओर गाड़ी रखें.
– अगर दाहिनी ओर मुड़ना है, तो पहले सड़क के बीच सुरक्षित तरी़के से आएं, फिर दाहिनी ओर पहुंचें. टर्न लेने के बाद गाड़ी वापस सड़क की बाईं तरफ़ ही रखकर ड्राइव करें.
– यू टर्न लेते व़क्त भी इंडिकेशन ज़रूर दें और जहां यू टर्न की अनुमति नहीं है, वहां से यू टर्न कभी न लें.
– वन वे में कभी भी रिवर्स या अपोज़िट डायरेक्शन में गाड़ी न चलाएं.
– यदि इंडिकेशन व ब्रेक लाइट्स काम नहीं करें, तो जब तक वो रिपेयर न हो जाएं, तब तक हाथों के साइन्स का प्रयोग करें.
– इन साइन्स को आप इन स्थितियों में ज़रूर इस्तेमाल करें- जब गाड़ी धीमी कर रहे हों, गाड़ी रोक रहे हों, जब राइट या लेफ्ट टर्न ले रहे हों या साइड की गाड़ी को ओवरटेक कर रहे हों, जब पीछेवाली गाड़ी को यह इशारा देना हो कि वो आगे निकलने के लिए सुरक्षित है.
– कभी भी यह सोचकर गाड़ी न चलाएं कि आप किसी प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं और सड़क के बाकी लोग आपके प्रतियोगी हैं, जिनसे आपको आगे निकलना है.
– बेवजह के स्टंट्स न दिखाएं. यही सोचें कि जान से ज़्यादा क़ीमती कुछ भी नहीं.
– अपने वाहन की नियमित सर्विसिंग करवाएं.
– बेवजह हॉर्न न बजाएं.
– कर्कश या तेज़ आवाज़वाले हार्न का इस्तेमाल न करें.
– अपने सभी ज़रूरी काग़ज़ात साथ ही रखें, जैसे- ड्राइविंग लाइसेंस, इंश्योरेंस और टैक्सेशन के पेपर्स, गाड़ी के रजिस्ट्रेशन संबंधी काग़ज़ात.

फोर व्हीलर वाले क्या करें?
– सीट बेल्ट्स हमेशा बांधें. अगर साथ में कोई है, तो उसे भी कहें बेल्ट बांधने को.
– 4 साल तक के बच्चों के लिए चाइल्ड सीट का ही प्रयोग करें.
– ट्रैफिक सिग्नल्स को कभी भी अनदेखा न करें.
– वाहन की रफ़्तार से संबंधित नियमों को कभी न तोड़ें.
– पैदल चलनेवालों को पहले रोड क्रॉस करने दें.
– एमर्जेंसी गाड़ियां, जैसे- एंबुलेंस या फायर ब्रिगेड को पहले जाने दें.
– लेन बदलते व़क्त हमेशा इंडिकेटर्स और रियर व्यू मिरर्स का प्रयोग करें.
– चौराहे पर हमेशा गाड़ी की रफ़्तार कम कर दें.
– आगे वाली गाड़ी से हमेशा सुरक्षित दूरी बनाकर रखें.
– हमेशा अपनी लेन में ही गाड़ी चलाएं. ओवरटेक के चक्कर में लेन तोड़ने की कोशिश न करें.
– मोबाइल का उपयोग न करें.

क्या न करें?
– सिग्नल न तोड़ें.
– ड्रंक-ड्राइव से बचें यानी शराब पीकर गाड़ी न चलाएं.
– शहर में 60 कि.मी. प्रति घंटे की रफ़्तार से अधिक पर गाड़ी न चलाएं.
– 18 से कम उम्रवाले ड्राइव न करें.
– व्यस्त सड़कों पर गाड़ी पार्क न करें.

टू व्हीलर वाले क्या करें?
– अच्छी क्वालिटी का फुल मास्क हेलमेट पहनें.
– आगे और पीछे की लाइट्स काम कर रही हैं कि नहीं, इसका ध्यान हमेशा रखें.
– मुड़ते व़क्त इंडिकेशन ज़रूर दें.
– आगे और पीछे दोनों ब्रेक्स का इस्तेमाल एक साथ सही ढंग से करें.
– सुरक्षित दूरी बनाकर ही ड्राइव करें.

क्या न करें?
– कभी भी टेढ़े-मेढ़े यानी ज़िग-ज़ैग तरी़के से ड्राइव न करें, जो अक्सर टू व्हीलर वाले करते हैं.
– बहुत तेज़ रफ़्तार से बचें.
– अचानक ब्रेक न लगाएं.
– ग़लत साइड से ओवरटेक न करें.
– फोन का इस्तेमाल न करें.
– शराब पीकर ड्राइव न करें.
– बहुत ज़्यादा वज़न लेकर ड्राइव न करें.
चाहे पैदल यात्री हों या वाहन चालक, आप हमेशा यह बात याद रखें कि आपकी जरा-सी लापरवाही न स़िर्फ आपकी, बल्कि दूसरों की भी जान ले सकती है. कोशिश करें कि ज़िम्मेदार नागरिक बनें और नियमों का उल्लंघन न करें.
बच्चों को सिखाएं रोड सेफ्टी रूल्स

बच्चों के लिए स्कूल की तरफ़ से ही बहुत-सी वर्कशॉप्स होती हैं, जिसमें उन्हें इन नियमों के बारे में बताया व समझाया जाता है. इसी क्रम में हाल ही में ट्रैफिक फाउंडेशन ने नागौर के स्कूली बच्चों को सड़क सुरक्षा नियमों की जानकारी दी कि क्या करें, क्या न करें. ट्रैफिक फाउंडेशन की रोड सेफ्टी कमिटी ने 20 स्कूल्स के 350 बच्चों को यह जानकारी दी कि रोड कैसे क्रॉस की जाए और स्कूल बस में भी चढ़ते-उतरते व़क्त क्या सावधानियां बरती जाएं. इसमें विद्यार्थियों को सेफ्टी मैन्युल दी गई, जिसमें सही और ग़लत दोनों बातों का उल्लेख है, जैसे- ज़ेब्रा क्रॉसिंग का इस्तेमाल, सिग्नल संबंधी नियम, फुटपाथ का प्रयोग आदि.
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Sunday, 3 December 2017

सड़क दुर्घटना रिपोर्ट - 2015

  दुनिया भर में सड़क दुर्घटनाएं एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में उभरी हैं, और अधिकतर भारत में जहां पिछले साल लगभग 5 लाख दुर्घटनाएं हुईं, वहां 1,46,000 लोग मारे गए और संख्या में घायल हो गए। दुनिया में सबसे ज्यादा मोटर की वृद्धि दर के साथ, सड़क नेटवर्क और शहरीकरण में तेजी से विस्तार के साथ, हमारे देश को सड़क सुरक्षा स्तर पर गंभीर प्रभाव पड़ता है
ट्रांसपोर्ट रिसर्च विंग द्वारा संकलित रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 में सड़क दुर्घटनाओं की कुल संख्या 4,8 9,400 से बढ़कर 2.5 प्रतिशत बढ़कर 2015 में 5,01,423 हो गई। सड़क दुर्घटना में मारे गए लोगों की कुल संख्या 4.6 प्रतिशत बढ़ी 2015 में 1,39,671 से 2015 तक 1,46,133 तक। सड़क दुर्घटना की चोटों में 2014 में 4,93,474 से 1.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जो 2015 में 5,00,2 9 7 थी। सड़क दुर्घटनाओं की गंभीरता, प्रति व्यक्ति मारे गए लोगों की संख्या 2015 में 28.5 से 100 दुर्घटनाएं बढ़कर 2015 में 2 9.1 हो गई हैं।   सड़क दुर्घटना के आंकड़ों का विश्लेषण 2015 से पता चलता है कि भारतीय सड़कों पर प्रति दिन लगभग 1,374 दुर्घटनाएं होती हैं और 400 मौतें होती हैं, जो आगे हमारे देश में हर घंटे में 57 दुर्घटनाओं और 17 जीवन की हानि होती है। वर्ष 2015 के दौरान 15 -34 साल की आयु समूह में सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए सभी लोगों के 54.1 प्रतिशत लोग थे।   तमिलनाडु (69,059), महाराष्ट्र (63,805), मध्य प्रदेश (54,947), कर्नाटक (44011), केरल (3 9, 014), उत्तर प्रदेश (32,385), आंध्र प्रदेश (24,258), राजस्थान (24,072), गुजरात 23,183), तेलंगाना (21,252), छत्तीसगढ़ (14,446), पश्चिम बंगाल (13,208) और हरियाणा (11,174) के साथ देश में सभी सड़क दुर्घटनाओं का 86.7 प्रतिशत हिस्सा है। कुल 13 राज्यों में करीब 83.6 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं हुईं।   देश में कुल सड़क दुर्घटनाओं में पचास करोड़ प्लस शहरों का हिस्सा 22.1 प्रतिशत था, सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए कुल व्यक्तियों में 11.3 प्रतिशत और सड़क दुर्घटना में घायल हुए कुल लोगों में 16.4 प्रतिशत। मुंबई में सड़क दुर्घटनाओं (23,468) की सबसे बड़ी संख्या थी, जबकि सड़क दुर्घटनाओं के कारण दिल्ली में सबसे ज्यादा संख्या (1622) थी। 2015 में 50 मिलियन शहरों की प्रतिशत हिस्सेदारी के मामले में दुर्घटना गंभीरता 14.9 प्रतिशत थी, जो 2014 में 15.0 प्रतिशत थी।   ड्राइवर्स'फॉल्ट को सड़क दुर्घटनाओं के लिए सबसे ज़्यादा ज़िम्मेदार कारक बताया गया है, 2014 में कुल दुर्घटनाओं का 77.1 प्रतिशत हिस्सा 2014 में 78.8 प्रतिशत के मुकाबले था। ड्राइवरों की श्रेणी में, सड़क दुर्घटनाएं हुईं और व्यक्तियों की मृत्यु हो गई चालकों द्वारा वैध रफ्तार से अधिक / अधिक तेज करने के लिए क्रमशः 62.2 प्रतिशत (3,86,481 दुर्घटनाओं में से 2,40,463) और 61.0 प्रतिशत (1,06,021 लोगों में से 64,633 मौतों) के हिस्से के लिए जिम्मेदार है।   इस अवसर पर बोलते हुए मंत्री ने ब्राजीलिया घोषणापत्र के हस्ताक्षरकर्ता के रूप में भारत के संकल्प और प्रतिबद्धता को दोहराया, जिससे 2020 तक 50% तक सड़क दुर्घटनाओं और मौतें कम हो सकें। इस दिशा में किए गए विभिन्न उपायों पर वे लंबे समय तक रहते थे। काले धब्बों को सुधारने जैसे कदम, डिजाइन चरण में इंजीनियरिंग समाधान, ऑटोमोबाइल के लिए सुरक्षा मानकों, उचित आघात देखभाल और जन जागरूकता पैदा करना ।

Saturday, 25 November 2017

सडक़ सुरक्षा के प्राथमिक नियम याद रखें।

Traffic foundation

1. यातायात नियमो का पालन करें।
2. एम्बुलेंस को तुरन्त रास्ता दे।
3. डीवाइडर के पास वाली लेन हमेशा बडे वाहनों के लिये खाली छोड़े।
4. हमेशा नियंत्रित गति मे वाहन चलायें।
5. बेवजह और गलत ओवरटेक ना करे।
6. सड़क पर गंदगी ना करे।
7. बेवजह हॉर्न ना बजाये।
8. सड़क पर घायल की तुरन्त सहायता करें।
9. सीट बेल्ट और हैलमेट का हमेशा प्रयोग करे।
10. शराब पीकर वाहन ना चलायें।
11. घर से निकलते समय वाहन की प्राथमिक जाँच अवश्य करके निकले।

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Friday, 22 September 2017

सडक़ दुर्घटनाओं से कैसे बचें।

आजकल हर रोज सड़क दुर्घटनायेंं होना आम बात हो गयी है कारण है वाहनों की तेज गति, लापरवाही और जल्दबाज़ी।
कई लोग सड़क पर दुर्घटनाग्रस्त होते हैं, कुछ मारे जाते है और बहुत से अधिक घायल हो जाते हैं या अपंग हो रहे हैं।
           
           तो हमें सड़क का सही से और सुरक्षित रूप से उपयोग करने के लिए यातायात के नियमों को सीखना चाहिए। कम से कम अपनी गलती की वजह से किसी व्यक्ति के साथ सड़क दुर्घटना नहीं होनी चाहिए।
 
         आजकल यातायात के साधन बहुत हो गये है सभी सड़को पर यात्री भार बढ़ गया इसलिए सभी सड़के बहुत व्यस्त हैं अतः इसलिए रास्ता पार करने के लिए हमें बहुत सावधान रहना चाहिए। एक पैदल पार पथ या एक ऊपरी पुल उपलब्ध होता हैं तब हमें उनका उपयोग करनाचाहिए। 
              
             हमें भागकर सड़क कभी पार नहीं करना चाहिएयह खतरनाक हो सकता है। जब गाडियां क्रॉसिंग नहीं हो, हमें ध्यान से दांए और बाएँ देखना चाहिए फिर सडक़ पार करनी चाहिए क्योंकि ऐसा करना सुरक्षित है।
             कुछ बच्चों को स्कूल जाने के लिए बस लेने आती हैं बच्चों को बताये कि हमें चलती हुई बस नहीं पकड़नी चाहिए और नहीं चढ़ना चाहिए, ये बहुत ही महत्वपूर्ण है। एक बार एक बच्चे ने चलती हुई बस पकड़ने की कोशिश की थी. वो उसे घसीटते हुए ले गयी. उसके पैर पर खरोंच और फेक्चर हो गया। लेकिन वो लकी था कि वह बच गया। 
         
           बस में भी हमें सावधानी बरतनी चाहिए संभलकर रहना चाहिए अगर बस में अचानक ब्रेक लगा दिया तो हादसा हो सकता है. हम बस के अंदर किसी चीज से टकरा सकते है.

               
  साइकिल और मोटरसाइकिल चलाते हो तो सतर्क रहना है, हेलमेट लगा कर गाड़ी चलाये। हमें रास्ते पर ध्यान देना चाहिए और हमें रास्ते के बिच में साइकिल नहीं चलानी चाहिए। हमेशा अपनी लाइन में या सडक़ के किनारों की तरफ चले। हमें ट्रैफिक रूल्स फ़ॉलोऊ करने चाहिए. हमारी साइकिल की कंडीशन चेक करनी चाहिए। मोटरसाइकिल के ब्रेक, लाइट चेक करने चाहिए।

            ये कुछ बातें हम दुर्घटनाओं से बचने के लिए कर सकते हैंं, हालांकि वहाँ कोई गारंटी नहीं है कि हम दुर्घटनाओं में कभी शामिल नहीं होंगे। महत्वपूर्ण बात यह है की सड़कों का उपयोग करते समय हर समय हमको सतर्क रहना है। हमें पता होना चाहिए की हमारे आसपास क्या हो रहा है। हम सड़कों का उपयोग कैसे करते है यही सड़क सुरक्षा के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण बात है। 
              
               सड़क पर वाहन को ध्यान से चलाया करें जिससे हम एक लंबे समय के लिए उन का उपयोग करने में सक्षम हो सकते है। अगर वाहन का लापरवाही से प्रयोग करेंगें तो दुर्घटना हो सकती है और हम कभी उन्हें फिर से उपयोग करने में सक्षम नहीं  हो सकते है।
             
        सडक़ पर सुरक्षित सफर के लिए जागरूकता और सतर्कता बेहद जरुरी हैं। अतः सडक़ पर यातायात नियमों का पालन अवश्य करें।

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Wednesday, 20 September 2017

हेलमेट जरूरी क्यों - सिर सलामत तो जान सुरक्षित

आजकल सडक़ हादसों में ज्यादातर लोगों की मौके पर ही मौत हो जाती हैं। कारण सिर्फ एक, सिर पर हेलमेट न होना।
हेलमेट को बोझ समझने की सोच के कारण एक जिदंगी घडी़ भर में मौत की आगोश में चली जाती है।
               जरा विचार करे आपकी जिंदगी इतनी सस्ती नहीं हो सकती।
                  - आंखों देखी -
   एक दिन की बात है - "मैं डीडवाना से रोडवेज बस में सीकर जा रहा था। शहर में सड़क पर बहुत भीड़ थी। कोई रैली थी। सडक़ पर जाम लगा हुआ था। बस धीरे धीरे आगे बढ़ रही थी करीब बीस मिनट के बाद हमें जगह मिली वो भी रैली के दूसरे मार्ग पर जाने से अगर जाम नहीं होता तो बीस मिनट का रास्ता दो मिनट मे पार हो जाता।
        हमारे पिछे सडक़ पर स्कूल बसें, कार, टेक्सी, मोटर साईकिले थी। एक एम्बुलेंस का सायरन भी बज रहा था। ड्राइवर उसे चाह कर भी साइड नही दे पा रहा था जैसे ही थोड़ी जगह मिलती मोटरसाइकिल वाले गाड़ी फंसा देते, ड्राइवर होर्न बजाता तो वो लोग चिल्लाते 'क्ई ऊपर चढासी की।'  ये है गलती करके ऊपर से आँख दिखाना।
    अगर वह लोग यातायात व्यवस्था का पालन करके रैली करते तो न जैम लगता और न ही समय, किसी को भी देर नही होती। उनकी वजह से रोगी की जान न जाती, विद्यार्थियों की परीक्षा और पढ़ाई नहीं छुटती, किसी को तकलीफ नहीं होती।
ज्ञापन तो शांति से भी दिया जा सकता है सबको परेशान करके क्या फायदा।
     खैर हमारी बस चल पड़ी मेगा हाईवे पर चल रहे थे एक मोटरसाइकिल वाला बाइक की लाइन को छोड़ कर ड्राइवर साइड से बस को पार कर रहा था तेज रफ्तार से अचानक सामने से ट्रक आ रहा था बाइक वाले का नियंत्रण बिगड़ गया ओर वह फिसल गया। ट्रक वाले ने ब्रेक लगा लिये नही तो वह निचे आ जाता। परन्तु मोटरसाइकिल वाला एक पत्थर से टकरा गया जिसके कारण उसके सिर में चोट लगी बहुत खून बहने लगा। थोड़ी देर में वहां लोगों की भीड़ एकत्रित हो गयी।
हमनें एबुलेंस को फोन किया। पर उसकी सिर में चोट लगने और खुन बहने से मौके पर ही मौत हो गयी।
           उस दिन वहाँ सब बातें कर रहे थे कि अगर इसने हेलमेट पहना होता तो शायद आज इसकी जान बच जाती।"
            सड़क पर गलती या लापरवाही किसी की भी हो दुर्घटना होने पर चोट सबको लगती हैं। और सिर पर लगने वाली चोट जानलेवा भी हो सकती हैं।
              अतः सड़क पर जागरूकता और सतर्कता ही आपके साथी हैं। यातायात नियमों का पालन करें। ये हमारी सुरक्षा के लिए ही बनाये गये हैं।

Be Aware Be Alert Be Safe Be Positive
      

Monday, 18 September 2017

सड़क दुर्घटना - एक निबंध

आज हमारे देश में सबसे ज्यादा लोगों की मौते किसी बीमारी के बजाय, सड़क हादसों में हो रही है। आधुनिक युग में सड़क दुर्घटना एक आम सी बात हो गयी है वास्तव में वाहनों की बढ़ती संख्या और सड़क सुरक्षा आज भारत के लिए एक बड़ी समस्या है।
          इससे निपटने के लिये सख़्त कानून की जरूरत है और उसके साथ ही सब नागरिकों की नैतिक जिम्मेदारी समझ सड़क सुरक्षा के नियमों की पालना को अपना कर्तव्य माने तो सड़क दुर्घटनाओ को काफी हद तक कम किया जा सकता हैं।
          सड़क पर होने वाली ऐसी दुर्घटनाओं का मुख्य कारण लोगों द्वारा सड़क यातायात नियमों की अनदेखी करना है। तेज़ गति में गाडी चलाना , नशे में ड्राइविंग और गलत दिशा में गाड़ी चलाना आदि दुर्घटनाओं की मुख्य वजय है। सबसे ज्यादा हादसे वाहन चालकों की लापरवाही के चलते होते हैं इसमें सबसे अधिक नशीले पदार्थों का सेवन जा अधिक माल लादना प्रमुख हैं।
              देश में होने वाली सड़क सड़क दुर्घटनाओं में तकरीवन 80 फ़ीसदी दुर्घटनाएं वाहन चालक की गलती से होती हैं इसीलिए हादसों को रोकने के लिए सबसे अधिक ध्यान वाहन चालकों की गलती को सुधारने में करना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा वाहन चालकों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
                 सड़क सुरक्षा के लिए यातायात नियमों की पालना करें तभी सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। सड़क दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा शिकार युवा वर्ग होता है। सड़क दुर्घटना को किस्मत नहीं माना जा सकता सड़क दुर्घटना को रोकना तो हमारे हाथ में हैं। इसके लिए सड़क पर चलने के कुछ नियम हों गति सीमा , सीट बेल्ट बांधना , ड्राइविंग के समय मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल ना करना , हेलमेट पहनना , नशे में ड्राइविंग ना करना जैसे और भी कई नियम बनाये जाएं बल्कि इन सभी का कड़ाई से पालन भी करवाया जाए। इसके लिए सड़कों पर जगह -जगह कैमरे लगाये जाए , गति मापक यंत्र लगाये जाएँ , नशे में वाहन चलाने पर लाइसेंस रद्द किया जाए।
             इसके इलावा बच्चों को सड़क सुरक्षा के नियमों और उनके महत्व के बारे में अवश्य बताना चाहिए। भारत के नागरिकों को चाहिए के वाहन शौंक के लिए नहीं बल्कि इन्हे जरूरत के रूप में ही इस्तेमाल करें दूसरे देशों की तरह भारत में भी नागरिकों को ज्यादातर पैदल चलने और साईकल का इस्तेमाल करने की आदत डालनी चाहिए जिससे पर्यावरण स्वच्छ रखने और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लायी जा सकती है। इसके इलावा सड़कों में इतना सुधार और इन्हें इतना सुरक्षित करना होगा के पैदल चलने जा साईकल चलाने में लोग ख़ुशी महसूस करें।
      सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चलते वक्त हमेशा फूटपाथ का प्रयोग करना चाहिए यहां फूटपाथ अगर ना हो तो हमेशा सड़क के बायीं तरफ ही चलें।
       ग्रीन सिग्नल होते ही सड़क पार करें इसके इलावा ट्रैफिक पुलिस के निर्देश अनुसार सड़क पार करें।
            सड़क पर चलते समय मोबाइल फ़ोन का प्रयोग नहीं करना चाहिए और यदि मोबाइल का इस्तेमाल करना भी हो तो रुक कर किसी सुरक्षित जगह देखकर ही करें।
         सड़क नियमों की जागरूकता से ही सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है और हमारी सतर्कता से ही सड़क दुर्घटनाओ से बचा जा सकता हैं।
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Friday, 15 September 2017

बच्चे और सड़क सुरक्षा

हम सबको सड़क सुरक्षा पर पूरा ध्यान देना चाहिये चाहे वो वाहन का इस्तेमाल करता हो या नहीं। बड़ों के मार्गदर्शन की कमी के कारण सड़क हादसों, छोटी चोट या बड़ी चोटें यहाँ तक की मृत्यु की ओर बच्चे और विद्यार्थी सबसे कमजोर समूह हैं। उनके शुरुआती समय में सड़क सुरक्षा नियमों और उपायों के बारे में बच्चों को अच्छे से जागरुक बनाने में कोई देर नहीं होनी चाहिये। ये माता-पिता और शिक्षकों का कर्तव्य है कि वो उन्हें अच्छे से मार्गदर्शन दें।
बच्चों के लिये सड़क सुरक्षा ज्ञान की जरुरत
आँकड़ों के अनुसार, ये पाया गया है कि ज्यादातर सड़क दुर्घटना मामले जिसमें बच्चे शामिल होते हैं, क्योंकि वो दूसरे आयु वर्ग के समूह से ज्यादा खतरे पर होते हैं। उन्हें अपने शुरुआती समय से ही सड़क सुरक्षा ज्ञान और शिक्षा की जरुरत है। उनके पाठ्यक्रम में इसे विषय के रुप में जोड़ने के द्वारा उनके घर और स्कूल से ही इसकी शुरुआत होनी चाहिये। यहाँ दिये निम्न बिंदु इस बात की तस्दीक करेंगे कि क्यों सड़क सुरक्षा बहुत जरुरी है:
  • बच्चे, बच्चे होते हैं, यातायात परिस्थिति के दौरान घर या दूसरी जगहों खासतौर से सड़क में वो अगला क्या करेंगे कोई भी इसके बारे में आश्वस्त नहीं है।
  • बच्चे बिल्कुल निर्दोष होते हैं, सड़क पर तेज गति से चलने वाले वाहनों का वो मूल्यांकन नहीं कर सकते हैं।
  • उनके छोटे कद के कारण चालक भी सड़क पर उनके मूड को भाँप नहीं सकता जब वो वाहन के सामने सड़क को पार करने की कोशिश करते हैं।
  • वो अंदाजा नहीं लगा सकते कि कैसे प्राय: वाहन खाली सड़क पर आ जाते हैं।
  • वो सड़क को कहीं से भी पार सकते हैं क्योंकि उन्हें सड़क को पार करने के लिये उचित तरीका नहीं पता होता।
  • वो जल्दी ही डर जाते हैं और ये नहीं समझ पाते कि उन्हें क्या करना चाहिये जब वो वाहन को अपनी ओर आते हुए देखते हैं।
बच्चों के लिये सड़क सुरक्षा नियम
सड़क पर उन्हें जिम्मेदार पैदल यात्री बनाने के द्वारा सड़क हादसों से बच्चों को बचाने में निम्न कुछ जरुरी सड़क सुरक्षा नियम महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं:
  • अभिवावकों को अपने बच्चों को अतिरिक्त सावधान बनाना चाहिये और सड़क को पार करने से पहले हर तरफ (बाँये और दाँये) देखने के बारे में सिखाना चाहिये।
  • बच्चों को सड़क पार करते हुए अपने बड़ों या दोस्तों का हाथ हमेशा पकड़े रहना चाहिये।
  • उन्हे कभी-भी सड़क पर दौड़ना नही चहिये, माता-पिता का हाथ छोड़ना या जल्दी में नहीं होना चाहिये और धैर्य रखें।
  • किसी भी वजह से उनका ध्यान न बँटे और सड़क पर उन्हें अधिक सचेत होने की जरुरत है।
  • केवल फुटपाथ का अनुसरण करने के लिये उनके अभिवावकों द्वारा उन्हें अभ्यस्त बनाना चाहिये या हमेशा सड़क पर बाँये तरफ का प्रयोग करें जहाँ फुटपाथ अनुपलब्ध हो।
  • पैदलयात्रीयों के लिये यातायात सिग्नलों को देखने के बाद चौराहे पर केवल सड़क को पार करने के लिये उन्हें सिखाना चाहिये।
  • सड़क पर रंगों के मायने (लाल अर्थात् रुको, हरा अर्थात् चलो और पीला का भी अर्थ रुकना है), यातायात लाईट की मूल जानकारी और यातायात चिन्हों के महत्व को उन्हें जरुर बताएँ।
  • कार या बस से बाहर आने के दौरान पैसेंजर सीट के पीछे की तरफ का इस्तेमाल उन्हें करना चाहिये।
  • बच्चों को सड़क पर या खेलने की जगह से बाहर के क्षेत्र में नहीं खेलने के बारे में बच्चों को सिखाना चाहिये।
  • ब्रेक, हार्न और स्टीयरिंग या हैंडल के कार्य को ठीक से जाँचने के द्वारा सड़क पर साईकिल चलाने के दौरान सभी उपयों के इस्तेमाल और हेलमेट को जरुर पहनना चाहिये।
  • सड़क पर साईकिल चलाने के दौरान बच्चों को ईयरफोन या गाना सुनने का कोई दूसरा यंत्र नहीं प्रयोग करना चाहिये।
  • कार चलाने के दौरान सीट-बेल्ट या बाईक चलाने के दौरान हेलमेट पहनने के लिये अभिवावक को उन्हें सिखाना चाहिये। एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करने के लिये गाड़ी चलाने के दौरान अभिवावकों को सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी नियमों का अनुसरण करना चाहिये क्योंकि अपने बच्चों के जीवन में माता-पिता ही पहला उदाहरण किसी कार्य को सीखने के लिये बनते हैं।
निष्कर्ष
सड़क हादसों और चोट के मामलों की संख्या को कम करने के साथ ही सावधान और सुरक्षित होने के लिये सभी आयु वर्ग के लोगों के लिये सड़क सुरक्षा बहुत जरुरी है। इसलिये, सभी को सख्ती से सड़क यातायात लाईटों के सभी नियमों, नियंत्रकों और चिन्हों का अनुसरण करना चाहिये। स्कूल में शिक्षकों के द्वारा उचित शिक्षा पाने और घर पर अपने अभिवावकों से बच्चों को सही ज्ञान के द्वारा सड़क सुरक्षा के बारे में अच्छे से अभयस्त होना चाहिये।
परिवार के बड़े सदस्य अगर यातायात नियमों और कानून का सम्मान करते हो तो बच्चे उनका अनुसरण करते हैं। तो आप जागरूक सतर्क और सभ्य बन बच्चों के लिए एक आदर्श बनें।
Be Aware Be Alert Be Safe Be Positive

Wednesday, 13 September 2017

सड़क सुरक्षा

आजकल वाहनों के टकराव और उचित सड़क सुरक्षा उपायों की अनदेखी के कारण सड़क हादसे बेहद आम होता जा रहा है। लोगों द्वारा सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी और वाहनों की भिड़ंत से हादसों से होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है। सभी सड़कें पूरे दिन के लिये व्यस्त होती हैं जहाँ वाहन अपने उच्च गति से दौड़ती है। आज की दुनिया में लोगों को अपने नीजि वाहनों की आदत है जिसकी वजह से सड़कों पर यातायात की समस्या पहले के मुकाबले ज्यादा बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में, सावधानीपूर्वक सुरक्षित चालन की क्रिया के लिये यातायात नियमों और सड़क सुरक्षा नियमों का अनुसरण लोगों से अपेक्षित है। तब जाकर कहीं सड़क हादसों पर काबू पाया जा सकेगा।
सड़क पर चालन शुरु करने से पहले हरेक व्यक्ति को रक्षात्मक चालन कोर्स (किसी मान्यता-प्राप्त चालन स्कूल के द्वारा अधिकृत प्रशिक्षक के तहत मार्गदर्शन) जरुर करना चाहिये। सड़क सुरक्षा उद्देश्यों के लिये ये बहुत जरुरी है। विभिन्न दुर्घटनाओं और जीवन को सड़क पर बचाने के लिये वाहन (वाहनों को कैसे संचालित करें) या खुद से उत्पन्न हुई गंभीर स्थिति को संभालने का तरीका सभी को जरुर पता होना चाहिये। एक महत्वपूर्ण विषय के रुप में स्कूल में सड़क सुरक्षा उपायों को जरुर जोड़ना चाहिये जिससे चालन से पहले ही अपने शुरुआती समय में ही विद्यार्थीयों को इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो सके। वाहनों के संचालन और उचित सड़क सुरक्षा उपायों के बारे में गलत जानकारी के कारण ज्यादातर सड़क हादसें होते हैं। दिनों-दिन सड़क पर गाड़ी चलाना असुरक्षित बनता जा रहा है। कई बार लोग लंबे समय तक अपने नीजि वाहनों को बिना किसी नियमित रख-रखाव और मरम्मत के रखते हैं, इसलिये ये बहुत जरुरी है कि समय से मरम्मत के साथ वाहनों की ठीक ढंग से कार्य करने की स्थिति के प्रति आश्वस्त रहें। ये केवल वाहन के जीवन को ही नहीं बढ़ाता है; हादसों को घटाने में भी मदद करता है। चालक को गाड़ी का ब्रेक अच्छे से जाँचना चाहिये और ब्रेक खराब होने की चेतावनी चिन्ह के बारे में पता होना चाहिये।
किसी भी यात्रा पर जाने से पहले प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स, आपातकालीन टूल, उचित मात्रा में गैसोलिन आदि रखने के साथ ही वाहन की पूरी जाँच करनी चाहिये। 
      सड़क यात्रा में आपकी जागरूकता और सतर्कता आपकी, अपनों की और दूसरों की जान बचा सकती हैं। क्योंकि हादसे पुछ कर नही होते। लापरवाही आपकी हो या दूसरों की दुर्घटना होने पर चोट सबको लगती हैं।....

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Saturday, 2 September 2017

राजस्थान सडक़ सम्बन्धी सवाल

राजस्थान : परिवहन जानकारी


Q. 1. मुख्यमंत्री सड़क योजना के प्रारंभ होने का वर्ष है -
   (1) 2002
   (2) 2003
   (3) 2004
   (4) 2005 ✔
Q. 2. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के प्रारंभ होने का वर्ष है -
   (1) 1999
   (2) 2000 ✔
   (3) 2002
   (4) 2004
Q. 3. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम का स्थापना वर्ष है -
   (1) 1962
   (2) 1964 ✔
   (3) 1966
   (4) 1969
Q. 4. सीमा सड़क संगठन स्थापना वर्ष है -
   (1) 1955
   (2) 1958
   (3) 1960 ✔
   (4) 1964
Q. 5. राजस्थान भू-क्षेत्र में लम्बाई की दृष्टि से राज्य से गुजरने वाले निम्नलिखित राष्ट्रीय राजमार्गों का सही आरोही क्रम है -
   (1) राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या  79 - 114 - 3 - 89
   (2) राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या  3 - 114 - 79 - 89 ✔
   (3) राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या  89 - 114 - 3 - 79
   (4) राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या  89 - 114 - 79 - 3
Q. 6. राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लम्बाई है -
   (1) 7806 किमी ✔
   (2) 5655 किमी
   (3) 6240 किमी
   (4) 6820 किमी
Q. 7. सड़कों से जुड़े सर्वाधिक गाँव राजस्थान के किस जिले में है ?
   (1) जयपुर में
   (2) जोधपुर में
   (3) कोटा में
   (4) गंगानगर में ✔
Q. 8. सड़कों से जुड़े न्यूनतम गाँव राजस्थान के किस जिले में है?
   (1) बाड़मेर में
   (2) सिरोही में ✔️
   (3) जैसलमेर में
   (4) बीकानेर में
Q. 9. राजस्थान के वे जिले जिनसे होकर कोई राष्ट्रीय राजमार्ग नहीं गुजरता है -
   (1) हनुमानगढ़ व झुंझुनू ✔
   (2) बांसवाड़ा व डूँगरपुर
   (3) चुरू व झुंझुनू
   (4) बीकानेर व डूँगरपुर
Q. 10. राजस्थान में सर्वाधिक राजमार्गों की संख्या वाला है -
   (1) जोधपुर
   (2) जयपुर
   (3) पाली
   (4) अजमेर ✔
Q. 11. अजमेर में लोको कारखाना स्थापित होने का वर्ष है -
   (1) 1872
   (2) 1876
   (3) 1879 ✔
   (4) 1885
Q. 12. राजस्थान में सर्वाधिक लम्बी सड़कों वाला जिला है -
   (1) जोधपुर
   (2) जयपुर
   (3) बाड़मेर ✔️
   (4) अजमेर
Q. 13. राजस्थान में राष्टीय राजमार्गों की संख्या है -
   (1) 16
   (2) 38 ✔
   (3) 22
   (4) 25
Q. 14. निम्न में से किस शहर में हवाई अड्डा नहीं है?
   (1) उदयपुर
   (2) अजमेर ✔
   (3) कोटा
   (4) जोधपुर
Q. 15. राजस्थान में प्रति 100 वर्ग किमी क्षेत्र में सड़कों की लम्बाई कितनी है?
   (1) 63.61 किमी ✔️
   (2) 48 किमी
   (3) 56 किमी
   (4) 64 किमी
Q. 16. राजस्थान में प्रथम रेल की शुरुआत कहाँ से कहाँ तक हुई?
   (1) आगरा फोर्ट से बाँदीकुई तक ✔
   (2) भरतपुर से जयपुर तक
   (3) उदयपुर से चित्तौड़गढ़ तक
   (4) दिल्ली से बाँदीकुई तक
Q. 17. राजस्थान के किस जिले में कोई राजमार्ग नहीं गुजरता है?
   (1) डूंगरपुर
   (2) बाँसवाड़ा
   (3) दौसा
   (4) हनुमानगढ़ ✔️
Q. 18. राजस्थान सड़क विकास निधि विधेयक के पारित होने का वर्ष है -
   (1) 2001
   (2) 2002
   (3) 2003
   (4) 2004 ✔
Q. 19. जिसको वैगन कारखाना स्थित है -
   (1) अलवर में
   (2) फुलेरा में
   (3) अजमेर में
   (4) भरतपुर में ✔
Q. 20. पश्चिमी रेलवे क्षेत्रीय प्रशिक्षण केन्द्र, उदयपुर का स्थापना वर्ष है -
   (1) 1962
   (2) 1964
   (3) 1965 ✔
   (4) 1967
Q. 21. राजस्थान में न्यूनतम सड़क वाला जिला है -
   (1) बाड़मेर
   (2) जैसलमेर
   (3) दौसा
   (4) धौलपुर ✔
Q. 22. राजस्थान का सबसे लम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग है -
   (1) राष्टीय राजमार्ग संख्या - 11
   (2) राष्टीय राजमार्ग संख्या - 65
   (3) राष्टीय राजमार्ग संख्या - 12
   (4) राष्टीय राजमार्ग संख्या - 15 ✔
Q. 23. राजस्थान का सबसे छोटा राष्टीय राजमार्ग है -
   (1) राष्टीय राजमार्ग संख्या - 71B ✔
   (2) राष्टीय राजमार्ग संख्या - 11
   (3) राष्टीय राजमार्ग संख्या - 12
   (4) राष्टीय राजमार्ग संख्या - 65
Q. 24. राजस्थान में सड़कों का सर्वाधिक घनत्व वाला जिला है -
   (1) जयपुर
   (2) जोधपुर
   (3) अजमेर
   (4) राजसमन्द ✔
Q. 25. राजस्थान में सड़कों का न्यूनतम घनत्व वाला जिला है -
   (1) बाड़मेर
   (2) चूरू
   (3) जैसलमेर ✔
   (4) बीकानेर
Q. 26. राजस्थान से होकर गुजरने वाला व्यस्ततम राष्टीय राजमार्ग है -
   (1) राष्टीय राजमार्ग संख्या - 8 ✔
   (2) राष्टीय राजमार्ग संख्या - 11
   (3) राष्टीय राजमार्ग संख्या - 14
   (4) राष्टीय राजमार्ग संख्या - 12
Q. 27. उत्तरी - पश्चिमी रेलवे का मुख्यालय है -
   (1) अजमेर में
   (2) जोधपुर में
   (3) जयपुर में ✔
   (4) कोटा में
Q. 28. वर्तमान में राजस्थान में रेलवे जोन एवं मण्डल कार्यालय की संख्या क्रमशः है -
   (1) दो जोन एवं पाँच मण्डल
   (2) तीन जोन एवं चार मण्डल
   (3) एक जोन एवं पाँच मण्डल ✔️
   (4) चार जोन एवं आठ मण्डल
Q. 29. राजस्थान में प्रथम रेल की शुरुआत किस वर्ष हुई?
   (1) 1870
   (2) 1874 ✔
   (3) 1877
   (4) 1890
Q. 30. सांगानेर, जयपुर देश का किस नम्बर का अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है?
   (1) 12 वाँ
   (2) 13 वाँ
   (3) 14 वाँ ✔
   (4) 15 वाँ

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Wednesday, 23 August 2017

प्राथमिक उपचार जब सड़क दुर्घटना देखते हो।

प्राथमिक सहायता

  • अगर आहत व्यक्ति होश में हो तो उसे दिलासा दिलाएं।
  • आहत व्यक्ति को बिना कोई और नुकसान पहुँचाए, दुर्घटना की जगह से किसी सुरक्षित जगह पर पहुँचाएं।
  • हाथ से दबा कर रक्त स्त्राव रोकने की कोशिश करें।
  • घावों को साफ करें और साफ सुथरे कपडेसे ढक दें।
  • सांस और दिल की धड़कन की जांच करें। अगर ज़रूरत हो तो कॄत्रिम रूप से सांस दिलाने और दिल की मालिश करने की कोशिश करें।
  • जांच करके पता करें कि कहीं कोई हड्डी तो नहीं टूटी है। अगर ज़रूरत हो तो परचाली का इस्तेमाल करें।
  • अगर आहत व्यक्ति हिल डुल पाने की स्थिति में न हो तो उसे ले जाने के लिए एक स्ट्रेचर बना लें। (स्ट्रेचर याने आहत व्यक्ति को इधर उधर ले जाने की खाट) आप एक कंबल और दो बांसों का इस्तेमाल करके भी स्ट्रेचर बना सकते हैं। आहत व्यक्ति को सुरक्षित अस्पताल पहुँचाएं।
  • रीढ़ की हड्डी टूटने पर ले जाए जाने में सुरक्षित रखना बेहद ज़रूरी है। रीढ़ की हड्डी टूटने पर आहत व्यक्ति को आराम से एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाना चाहिए। उसे पेट के बल लिटाना चाहिए ताकि रीढ़ की हड्डी को और नुकसान न पहुँचे।
  • रीढ़ की हड्डी टूटने पर सिर, शरीर, हाथ पैरों को स्ट्रेचर से बांध देना भी ज़रूरी होता है। 

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Tuesday, 22 August 2017

सड़क हादसों से सुरक्षा के लिए सख्त सड़क सुरक्षा कानून बने।

 भारत में सड़क दुर्घटनाओं में हर साल करीब 1.5 लाख लोगों की क्यों जान जाती है। क्यों यहां होनेवाला लगभग हर हादसा जानलेवा बन जाता है। क्या एक्सीडेंट के बाद घायलों को सही इलाज मिलने का इंतजाम नहीं है। क्या हमारी सड़कें खराब हैं या हम ट्रैफिक के नियम नहीं जानते ना ही उसे नहीं मानते हैं और सरकार ऐसे हादसों को रोकने के लिए क्या कर रही है। सवाल बहुत हैं और आवाज़ इसे एक मुहिम के तौर पर उठा रहा है।
सड़क हादसे की घटनाएं हमें चौकाती जरूर हैं लेकिन ऐसे हादसे हमारे देश में बेहद आम हैं। आंकड़ों के मुताबिक हमारे देश में हर मिनट में 1 रोड एक्सिडेंट होता है और हर 4 मिनट में सड़क दुर्घटना में एक जान जाती है। दुनिया में सबसे ज्यादा सड़क हादसे भारत में होते हैं। 10 में से एक दुर्घटना भारत में होती है। बिना गाड़ी वाले भी महफूज नहीं हैं। रोड एक्सिडेंट में मरने वाले 38 फीसदी वो लोग होते हैं जो पैदल चल रहे होते हैं। जबकि 30 फीसदी साइकिल या मोटरसाइकिल सवार होते हैं। पिछले 10 सालों में दोपहिया वाहनों की संख्या दोगुनी हो चुकी है लेकिन क्या हमारी सड़कें ट्रैफिक के इस बढ़े बोझ को सह पाने के लिए तैयार हैं। क्यों सरकार इस दिशा में नहीं सोचती?
इंटरनेशनल रोड फेडरेशन के मुताबिक 90 फीसदी हादसे ड्राइवर की गलती की वजह से होते हैं। सवाल उठने लाजिमी हैं। क्या ड्राइविंग लाइसेंस देते वक्त कायदे से जांच परख की जाती है? क्या सुरक्षा मानकों पर गाड़ियों की कड़ी जांच-पड़ताल होती है? ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर क्या और सख्ती नहीं होनी चाहिए। रोड सेफ्टी बिल अभी लोकसभा में लटका हुआ है। इस बिल में ट्रैफिक नियम तोड़ने पर भारी जुर्माने का प्रावधान है। सवाल ये भी बड़ा है कि लोगों की जिंदगी से जुड़े कानून सरकारों के एजेंडे में ऊपर क्यों नहीं होते हैं? और आवाज़ इन्हीं सब सवालों को उठा रहा है अपनी इस खास मुहिम में जो रोड एक्सीडेंट के खिलाफ है ताकि हमारा आपका सबका सफर सुरक्षित रहे।
भारत में सड़क सुरक्षा सवालों के घेरे में है क्योंकि दुनिया में सबसे ज्यादा सड़क हादसे भारत में होते हैं। कानून की कमी या जागरूकता की कमी कौनसा कारक ज्यादा है इस पर अभी सवाल हैं। क्या सड़कों पर दबाव अब काफी ज्यादा हैं और सड़क हादसों में घायल होने वालों को समय पर आपात स्वास्थ्य सेवा क्यों नहीं मिलती है, इस दिशा में अभी काफी काम करना बाकी है।
भारत में रोज 1300 से ज्यादा सड़क हादसे होते हैं और हर दिन सड़क हादसे में करीब 400 मौतें होती हैं। सड़क हादसों में सालाना करीब 20 अरब डॉलर का नुकसान होता है और दुनियाभर में कुल सड़क हादसों का 10 फीसदी अकेले भारत में होते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने रोड सेफ्टी के नियम लागू करने के लिए कमेटी बनाई है और हाइवे मिनिस्ट्री का 10 फीसदी खर्च अकेले रोड सेफ्टी पर होता है। भारत में 12 करोड़ से ज्यादा वाहन हैं और इनके चलने के लिए पर्याप्त सड़क इंफ्रास्ट्रक्टर होना जरूरी है।
सड़क सुरक्षा के 10 नियमों का पालन करना काफी जरूरी है और इन्हें जानना जरूरी है। गाड़ी चलाते समय सीट बेल्ट का इस्तेमाल करें, ड्राइविंग के नियमों का पालन करें, स्पीड लिमिट का ध्यान रखें, गाड़ी के टायरों और एयर प्रेशर की नियमित जांच कराएं, नशे की हालत में ड्राइविंग ना करें, बच्चों को सीट बेल्ट जरूर लगाएं, गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल पर बात ना करें, थके होने और नींद आने पर ड्राइव न करें, टू व्हीलर चलाते वक्त हेल्मेट जरूर पहनें और गाड़ी चलाते समय दूसरों का ख्याल रखें जैसे नियमों का पालन करने पर हम स्वयं भी सुरक्षित रह सकते हैं और अपने वाहनों को भी सुरक्षित रख सकते हैं।

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Thursday, 17 August 2017

राजस्थान में राज्य राजमार्ग

List of State Highways in RajasthanEdit

RJ SH №RouteShieldDistrictTotal length
RJ SH 1RJ SH1.pngJhalawar to Mathuravia Jhalrapatan, Khandiya Choraha,BaranMangrol,Itawah, Laban, Lakheri, Indergarh,Sawai Madhopur, Bhadoti,Gangapur(Wazirpur),Hindaun City,Suroth, HindaunBayanaBharatpur.JhalawarBaran BundiKota Sawai MadhopurKarauliBharatpur441.40
RJ SH 2WB SH2-IND.pngDausa to Kuchaman via Lawan, Tunga, Phagi, Mozmabad, Dudu, Sambhar, Nawan, Palari,Kuchaman City.Dausa JaipurNagaur210.00
RJ SH 2ASH2A.jpgDholpur (NH 3) to Rajakhera up to State BorderDholpur44.00
RJ SH 2BSH2B.jpgPalari to Khatu via Managlana,Makrana.Nagaur53.00
RJ SH 2CSH2C.jpgJaipur to Nawan via Jobner, PachkodiyaJaipur Nagaur78.00
RJ SH 3WB SH3-IND.pngGanganagar toBikaner via Chunawadh, Padampur,Gajsinghpur,Raisinghnagar,Anupgarh,Gharsana, Chattargarh.GanganagarBikaner267.20
RJ SH 6SH6.pngDungargarh (NH 11) to Rajgarh viaSardarshahar,Taranagar.Bikaner Churu159.60
RJ SH 6ASH6A.pngSawai Bari (SH-6) to Sattasar via Varsisar,LunkaransarChuru Bikaner137.00
RJ SH 7SH7.pngKishangarh to Sangaria via Roopangarh,Parbatsar, Manglana,Kuchaman City, Losal, Salasar,Ratangarh,Sardarshahar, Pallu,Rawatsar,Hanumangarh.Ajmer NagaurSikar ChuruHanumangarh409.05
RJ SH 7ASH7A.pngHanumangarh toAbohar viaSadulshahar.HanumangarhGanganagar42.70
RJ SH 7BSH7B.pngSadulshaharGanganagar, Mirzawala,Karanpur.Ganganagar85.00
RJ SH 7CSH7C.pngRatangarh toTalchhapar.Churu37.00
RJ SH 7DSH7D.pngRanasar (SH-7) toLadnun via Daulatpura, DidwanaNagaur72.00
RJ SH 7ESH7E.pngSarwar toKishangarh via AraiAjmer71.00
RJ SH 8SH8.pngSikar to Luharu up to State Border viaNawalgarh, Mukandgarh,JhunjhununBaggar,Chirawa, Surajargh.SikarJhunjhunun124.00
RJ SH 8ASH8A.pngSikar to Pachkodia via Lalas, Ghatwa, Danta, Ramgarh, Renwal.Sikar NagaurJaipur86.00
RJ SH 8BSH8B.pngJatawali to Kaladera via ChomuJaipur25.50
RJ SH 9WB SH9-IND.pngDabok (NH 76) toChittaurgarh viaMavli, Bhopalsagar,Kapasan.UdaipurChittaurgarh99.80
RJ SH 9ASH9a.pngKatunda to Shri Chhatarpura via Bharodia, Cheechat,Ramganj Mandi.ChittaurgarhKota125.80
RJ SH 9BSH9b.pngSuket to Ramganj Mandi.Kota11.00
RJ SH 10SH10.pngSwaroopganj(Junction of NH 14) to Ratlam up to State Border via Royada, Kotada, Kherwara,DungarpurSagwara, Garhi, Banswara, Danpur.Sirohi UdaipurDungarpurBanswara315.00
RJ SH 11WB SH11-IND.pngSanchore(NH 15) toAbu Road viaRaniwara Kalan, MandarJalore Sirohi108.00
RJ SH 12Sanganer to Kankrolivia PhagiDiggi,Malpura, Sawariya,KekriShahpura,MandalBhilwara.Jaipur Tonk AjmerBhilwara Rajsamand324.20
RJ SH 13Alwar to Rajgarh via Kushalgarh, Talvarksh,Narayanpur, Thanagazi, Ghata Bhandrol, Shahpura, Kanwat, Neem ka ThanaKhetri, Singhana, Chrawa,Pilani.Alwar Jaipur SikarJhunjhunun Churu329.60
RJ SH 14Bharatpur to Narnaul(State Border) viaDeegNagar, Meo ka Baroda, Baggar ka Tiraha, AlwarJindoli,TatarpurSodawas,BarrodBehror, NarnaulBharatpur Alwar,Narnaul165.10
RJ SH 15Mangalwar toNeemach up to State border via Dungala,Bari SadriChhoti Sadri.ChittaurgarhPratapgarh77.00
RJ SH 16Chawa to Amritia (NH 8) via Sindhari, Jalore,Takhatgarh,SanderaoSadri,Desuri.Barmer Jalore PaliRajsamand276.00
RJ SH 19Phalodi (NH 15) to Needar via Ahu, Chadi, Pachudi,Nagaur, Tarneu, Khatu Kalan, Khatu khurd, Toshina, Kuchaman City, Bhuni, Maroth, Deoli Minda, Renwal Crossing, Kaladera.Jodhpur NagaurJaipur368.00
RJ SH 19AJhalawar to Agar(State Border)`via Pipliya, Suliya, Bhawani Mandi, DugJhalawar121.00
RJ SH 19BMangrol (SH-1) to Rajpura via Bamori KalanBaran14.70
RJ SH 20Sikar to Nokha viaSalasarSujangarh,Talchhapar.Sikar Churu Bikaner172.10
RJ SH 21Dantiweara to Merta City via Pipar City, Borunda.Jodhpur Nagaur96.40
RJ SH 21AParbatsar to NH 89Junction via Piplad, Bagaut, Harsore, Bherunda, Dodiyana.Nagaur60.00
RJ SH 22Mandrayal to Pahadi up to State Border viaKarauliHindaun,MahuwaKathoomarKherliNagar.Karauli BharatpurDausa Alwar194.70
RJ SH 23Bharatpur(NH 11-Uncha Nagala)toDhaulpur (NH 11B)via Roopwas, Sepau.Bharatpur Dhaulpur63.20
RJ SH 24Bhadoti Mod (SH-1) to Bassi via Junction of NH 11B Lalsot, TungaSawai MadhopurBassi Jaipur122.00
RJ SH 25Daruhera to Gangapur City via Bhiwadi, Tapookara, Tijara, Kishangarh Bas,AlwarRajgarh,BandikuiSikandara, NadotiAlwar Dausa KarauliSawai Madhopur225.00
RJ SH 25ATehala to Gadi Sawai Ram Via Rajgarh (SH-35)Alwar50.00
RJ SH 26Nasirabad to Deoli(SH-12) via KekriAjmer Tonk99.00
RJ SH 27Sirohi (NH 14) toDeesa up to District Border via MandarSirohi72.00
RJ SH 28Phalodi (NH 15) to Ramji ki Gol via Deeechu, Shergarh,PachpadraBalotra, Sindri, Guda Malani.Jodhpur Barmer259.00
RJ SH 28BPachpadra (NH 112) to BagundiBarmer24.00
RJ SH 29Uniara(NH 116) to Bijoliya (NH 76) viaBundi, Indergarh, Lakheri up to NH 76Tonk Bundi Bhilwara139.00
RJ SH 29ANH 11A (Km.13/300) to Sirska via TehlaDausa Jaipur Alwar59.00
RJ SH 30Sawai Madhopur(NH 116) to Palighat up to State Border.Sawai Madhopur34.00
RJ SH 31Jalore(SH-16) toRaniwara Kalan(SH- 11) via RamseenBhinmalJalore107.00
RJ SH 32Sadri (SH-16-62) toBanswara viaRanakpurGogunda,UdaipurSalumbarAspur, Sabala, Lohariya, Ganoda.Pali UdaipurDungarpurBanswara219.00
RJ SH 33Rawatbhata (SH-9A) to Laban via Kota,Keshoraipatan, Kapren.Bundi ChittaurgarhKota116.00
RJ SH 34Tonk toKeshoraipatan viaNagarNainwa, Khatkad.Tonk Bundi112.80
RJ SH 35Mahuwa to Govindgarh (SH-45) via Ghadi Sawai Ram,Laxmangarh.Dausa Alwar66.10
RJ SH 36Churu (NH 65) toGanganagar viaTaranagarSahawa,Nohar, Thaladaka, Munda,Hanumangarh, Lalgarh.ChuruHanumangarhGanganagar242.10
RJ SH 37Chomu (NH 11) toChuru via Ajeetgarh, Shrimadhopur, Khendela,Udaipurwati.Jaipur SikarJhunjhunun Churu201.50
RJ SH 37ADudu to Manohar Thana via Malpura,TodaraisinghTonk,NagarNainwa, Khatgarh, Kapren, Barod, Siswali, Baran.Jaipur Tonk KotaBaran Jhalawar229.90
RJ SH 37BKotputli (NH 8) to Losal (SH-7) via Patan, Neem ka Thana, Chala,UdaipurwatiSikar, Dhod.Jaipur SikarJhunjhunun141.50
RJ SH 37CUdaipuriya Mod (NH 52) to Mundru (SH-37) via KhejroliJaipur Sikar23.90
RJ SH 38Sirohi (NH 14) toBalotra (NH 112) viaJawalKalandri,RamseenJalore, Makalsar, Siwana.Barmer Jalore Sirohi111.50
RJ SH 39Satur (NH 12) to Mundwa via Jahajpur,Shahpura, Vijaynagar,BeawarMerta City, Lambia, Merta Road, Khajwana.Ajmer BhilwaraBundi Pali Nagaur318.00
RJ SH 40Gadara road to Nachana viaPokharanBarmer, Chawa, Baytoo, Kanod, Phalsoond, Miniyana, Pokharan.Barmer Jaisalmer342.00
RJ SH 41Fatehpur to Rajgarhvia Jhunjhunun, Alsisar, Malsisar.Sikar JhunjhununChuru111.20
RJ SH 42Bari (NH 11B) to Kheragarh up to Stat Border via Saipau, Basai Nawab.Dhaulpur37.00
RJ SH 43Bari (NH 11B to Sonkh up to State Border via Baseri, Bandh Baretha Ucchan, BharatpurDhaulpur Bharatpur89.00
RJ SH 44Natani ka Bera to Kaman Koshi Road via Mala Khera, Laxmangarh,KathoomarNadbai,Deeg.Alwar Bharatpur129.20
RJ SH 45Ramgarh (SH-13) toFatehpur Sikri ( up to State Border) via Govindgarh, Sikari,NagarNadbai, Weir,Bayana, Radwal.Bharatpur Alwar135.00
RJ SH 48Chhani to RaniUdaipur27.60
RJ SH 49Mavli to Charbhujaji(SH-16) viaNathdwara, KelwaraUdaipur Rajsamand115.80
RJ SH 50SH50.pngUdaipur to Som (SH-10) via JhadolUdaipur93.00
RJ SH 51SH51.pngKota to Dharnawada up to State Border via LadpuraSangod,Chhabra.Kota Baran156.30
RJ SH 52SH52.pngAjaraka (SB) to Tala via Mundawar, Sodawas, Harsora, Narayanpur, Thanagazi.Alwar Jaipur131.50
RJ SH 53SH53.pngBhindar toRikhabdeo via Bambora, Salumbar, Kalyanpur.Udaipur126.00
RJ SH 54Aspur to Saruthana via Punjpur, Punali, Dobra, Simalwara, Peeth.Dungarpur104.00
RJ SH 55Gudha (SH-52) toJaipur (NH 8) via Kishori, Sidh ka Tibara,Jhiri, Andhi,Ramgarh.Alwar Jaipur89.60
RJ SH 56Mandri (SH-12) to Lassani Tal up to NH 8 via AmetDevgarh.Rajsamand83.00
RJ SH 57Mokhampura (NH 8) to Sambhar viaPhuleraJaipur26.00
RJ SH 58Jodhpur to Bheem up to NH 8 via Vinakiya, Rajola Sojat, Rendiri, Bhaisana, Sojat Road, Kantalia, Baban.Jodhpur Pali AjmerRajsamand141.50
RJ SH 59Beawar to Neemla Jodha via Pisangan, Govindgarh, Ladpura,Tehla, Bherunda, Harsore,Degana, Khatu, Bhantri.Ajmer Nagaur159.90
RJ SH 60Thanwala to Ganeri (SH-20) via Bherunda, Neemari, Kothariya, Degana, Sanjhun, Tarneu, Jayal,Didwana.Ajmer Nagaur Sikar181.00
RJ SH 61Phalodi ( NH 15) to Mandal via Osian,MathaniaJodhpur, Khejrali, Bhatenda, Saradasamand, Jadan, Marwar JunctionAuwa,Jojawar, Kamalighat,Devgarh, Rajaji ka kareda.Jodhpur PaliRajsamand Bhilwara349.00
RJ SH 62Bilara to Pindwara viaSojat, Sireeyari,JojawarBagol,DesuriSadriSewari.Jodhpur Pali Sirohi187.00
RJ SH 63Banar to Kuchera viaBhopalgarh Asop.Jodhpur Nagaur129.00
RJ SH 64Rohat (NH 65) toAhore (SH-16) via Vasi, Bhadrajun.Pali Jalore82.00
RJ SH 65Sheo (NH 15) to Shergarh via Bhiyad, Barnawa Jagger, Patodi, Phalsoond.Barmer JaisalmerJodhpur154.50
RJ SH 66Siwana to Dhandhaniya (NH 114) via Samdari, Kalyanpur, Mandli Rodhawa Kalan.Barmer Jodhpur90.00
RJ SH 67Sardar Samand (SH-61) to Desuri (SH-62) via Pali, Ramsiya,Somesar,Pali87.00
RJ SH 68Dangiyawas (NH 112) to Balotra via Kakelao, Khejarli, Guda Kakani,Luni, Dhundhara, Rampura, Samdari.Jodhpur Barmer131.00
RJ SH 69Churu BhaleriChuru35.00
Total