Traffic foundation

Wednesday, 31 May 2017

ड्राइविंग की अच्छी आदतें

 हर बूंद को लंबे समय तक चलाने का उपाय
45 – 55 कि.मी./घंटा की गति से ड्राइव करें ।
धीमी और स्थिर गति पर ड्राइव करें। तेज गति से आपके वाहन को अधिक हवा के प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा। यदि आप 80 किमी / घंटा से अधिक की गति से चलते हैं, तो आप ईंधन बर्बाद कर रहें हैं। परीक्षण से साबित हुआ है कि भारतीय कारों को 80 किमी / घंटा की अपेक्षा 45-55 किमी / घंटा से ड्राइव करने पर 40% अतिरिक्त लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

अनावश्यक रूप से गति को तेज या मंद करने से बचें। अचानक रुकने व मोड़ने की आंशका पर ब्रेक से बचें। परीक्षणों से पता चलता है कि गति में कमी आने से यातायात के दौरान समय की कोई विशेष वृद्धि नहीं होती है ।
अपने इंजन को स्वस्थ रखें
कारों की एक बड़ी संख्या पर परीक्षण करने से साबित हुआ है कि अपनी कार की नियमित रूप से ट्यूनिंग करने पर अधिकतम 6% तक ईंधन बचाया जा सकता है। यदि आपके वाहन का इंजन काले धुएं का उत्सर्जन करता है, कम पूलिंग की शक्ति है या तेल की बड़ी मात्रा में खपत होती है, तो आपको तुरंत प्रतिष्ठित गैरेज में वाहन की जाँच करवानी चाहिए। क्योकि यह देरी, ईंधन और ल्युब्रिकेंट ऑयल पर हुआ खर्च एक ओवरहाल की लागत की तुलना में अधिक महंगा साबित हो सकती है।
द्वि-धातु (बायो-मैटालिक) स्पार्क प्लग का उपयोग करने से 1.5% ईंधन की बचत होती है एवं यह निकास उत्सर्जन को भी कम करता है। अपनी कार की हर 5000 किलोमीटर पर सर्विस करायें।
उचित गियर में वाहन चलाये
अनुचित गियर का इस्तेमाल करने से ईंधन की खपत में कम से कम 20% तक की वृद्धि हो सकती है।
शहरी स्थानों में ड्राइविंग के समय, जब आपको यह सुनिश्चित हो जाय कि इंजन में किसी प्रकार संघर्ष नहीं होगा तो ही उच्च गियर में बदलें। जितनी जल्दी हो सके उच्च गियर में बदलें। गियर बदलने में निर्माता की सिफारिश का पालन करने की सलाह दी जाती है।
ब्रेक लगाने की सही आदतें
रोको और चलो की ड्राइविंग में ईंधन बर्बाद होता है। जब आप ब्रेक में लगाते है तो गर्मी के रूप में अत्यधिक ऊर्जा व्यर्थ हो जाती है। एक अच्छा चालक हमेशा अच्छे अनुमान के द्वारा अनावश्यक रूकने से बचता है।
जब आप वाहन की सर्विस कराते हैं तो पहियों की घुमाव का अवश्य परीक्षण करायें। सख्त ब्रेक मुक्त पहियों के घुमाव में प्रतिरोधक और इस प्रतिरोध के कारण इंजन अधिक ईंधन की खपत करता है। नियमित अंतराल पर पहिया संरेखण की जाँच करें।
क्लच पर अपने पैर न रखें।
क्लच का प्रयोग केवल गियर को बदलते समय ही करें। क्लच राइडिंग ऊर्जा की बर्बादी और क्लच-अस्तर की हानि का कारण बनता है।
चढाई पर वाहन को रोकने के लिए हस्त ब्रेक उपयोग करें और आगे बढ़ने पर इसे मुक्त करना न भूलें। स्थिर रहने के लिए क्लच और एक्सीलेटर में हेरफेर न करें, इससे ईंधन की खपत होती है।
नियमित रूप से एअर फिल्टर को साफ करें
एअर फिल्टर इंजन को धूल से दूषित होने से बचाता है। इंजन के घटकों में टूट फूट धूल के कारण जल्दी होता है। ईंधन की खपत बढ़ जाती है।
बिना एअर फिल्टर के सिलेंडर छिद्र 45 गुना तेजी से धूल को धारण करते हैं। एअर फिल्टर को नियमित रूप से साफ करें।
टायर प्रेशर की जांच करें।
टायर का कम प्रेशर रोलिंग प्रतिरोध को बढ़ाता है, जिससे ईंधन की अत्यधिक खपत होती है।
परीक्षण बतलाते हैं कि टायर दबाव में 25% कमी की कीमत आपको 5-10% अधिक पेट्रोल और टायर का 25% जीवन देकर चुकानी पड़ती है। 3-7% ईंधन की बचत, टायर के लंबे जीवन और आराम से चलने के लिए रेडियल टायरों का इस्तेमाल करें।
जब आप वाहन को रोकते है तो इंजन को बंद रखें।
हमेंशा वाहन को कार्यान्वित करने के लिए तैयार रखें। बैटरी, डायनमो और पंखे की बेल्ट को अच्छी हालत में रखें। इससे, जब भी आपको आवश्यकता हो तुरंत स्टार्ट सुनिश्चित होगा।
15-20 सेकेंड से अधिक रुकने की स्थिति में इंजन को बंद रखें।
सिफारिश ग्रेड के तेल का प्रयोग करें
तेल के किसी विशेष ग्रेड का उपयोग करने से पहले कार मैन्युअल और तेल निर्माता की सिफारिशों की जांच करें।
सिफारिशी ग्रेड से कम ग्रेड के तेल का प्रयोग करने से ईंधन की खपत में 2% तक की वृद्धि हो सकती है। ईंजन ऑयल से साथ ऑयल फिल्टर को भी बदलें।
मार्ग की योजना
अत्यधिक व्यस्त या रुको एवं जाओ ट्रैफिक पर जरूरत से ज्यादा ईंधन की खपत होती है। कम व्यस्तता मार्ग का चयन करने पर आप प्रति लीटर में अधिक माइलेज प्राप्त कर सकते चाहे वह मार्ग थोड़ा लम्बा क्यों न हो।
अधिक व्यस्तता वाला मार्ग सामान्य से अधिक ईंधन की खपत करता है।
भार की कमी
अनावश्यक भार ईंधन की खपत कों बढ़ाता है। क्या वास्तव में आपको सामान ले जाने के लिए रैक की जरूरत है?
शहरी मार्गों में सामान का 50 किलो भार कम करने से 2% ईंधन की बचत होती है। याद रखें वाहन की उंचाई से अधिक सामान के कारण हवा का प्रतिरोध ईंधन की अधिक खपत का कारण बनता है।
कार पूल में अपनी कार शेयर करें।
उन व्यक्तियों की पहचान करें जो आपके मार्ग पर जाने वाले हों। आप उनके साथ अपनी कार और लागत को शेयर करें।
यात्रा की योजना
यात्रा शुरू करने से पहले अपने आप से दो प्रश्न पूछें। क्या यह यात्रा आवश्यक है? क्या मैं उसी मार्ग के अन्य यात्रियों के साथ जा सकता हूँ?

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By Shekhawat sab

सड़क सुरक्षा और परिवहन प्रणाली को दुरूस्त बनाने के लिए मंत्री समूह की पहली बैठक


जयपुर —– राजस्थान के परिवहन मंत्री श्री युनुस खान की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा और परिवहन प्रणाली को दुरूस्त बनाने के लिए गठित मंत्री समूह की पहली बैठक दिल्ली में संपन्न हुई। मंत्री समूह द्वारा शुक्रवार को गहन मंथन करने के बाद अपनी प्रथम अंतरिम रिपोर्ट केन्द्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी को उनके आवास पर सौंपी।
मंत्री समूह की सिफारिशों की जानकारी देते हुए मंत्री समूह के अध्यक्ष श्री युनुस खान ने बताया कि समूह द्वारा देशभर की सड़क सुरक्षा एवं परिवहन प्रणाली को बेहतर, सुगम, सुरक्षित एवं आधुनिक बनाने के लिए कईं महत्वपूर्ण सुझावों की सिफारिश की है।
 रोड नियमन सुनिश्चित करने के लिए वर्तमान कानूनों का उन्नयनीकरण, सेेट्रल मोटर व्हीकल रूल्स में संशोधन कर देश के लिए एकीकृत आवेदन प्रणाली लागू करने, देश भर में समग्र वाहन जांच प्रणाली लागू करने, राष्ट्रीय रोड सुरक्षा प्रबंधन बोर्ड की स्थापना कर देश भर में इसके रीजनल सेंटर स्थापित करने, लर्निंग लाईसेंस की प्रक्रिया को ऑनलाईन बनाने के साथ-साथ ओवर स्पीडिंग, ओवर लोडिंग, शराब पीकर गाड़ी चलाने और नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने अथवा दुर्घटना की स्थिति में परिजनों की जिम्मेदारी निर्धारित संबंधी महत्वपूर्ण सुझाव शामिल है।
श्री युनुस खान ने बताया कि आम आदमी को टै्रफिक नियमों की जटिलता एवं उनके नाम पर हो रहे शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए महत्वपूर्ण सुझावों में लर्निंग लाईसेंस बनाने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता को खत्म करने, ड्राईविंग लाईसेंस की मान्यता सीमा को बढ़ाने, नवीन वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट प्रति वर्ष के स्थान पर प्रारंभ में तीन वर्ष और उसके बाद प्रत्येक दो वर्ष में रिन्यू करने, व्यवसायिक वाहनों के तृतीय पक्ष इंश्योरेंस में वाहन चालकों को भी शामिल करने, व्यवसायिक वाहन चालकों के लिए डै्रस कोड खत्म करना शामिल है।
श्री खान ने बताया कि मंत्री समूह की सिफारिशों में कहा गया है कि सार्वजनिक एवं व्यवसायिक परिवहन के साधनों में जी.पी.एस. सिस्टम, कैमरें, हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट, सी.सी.टी.वी. आदि आधुनिक उपकरण वाहन निर्माता द्वारा ही संधारित किए जाएगें। दिल्ली के हेबीटाट सेंटर में आयोजित सात सदस्यीय राज्य परिवहन मंत्रियों के मंत्री समूह की प्रथम बैठक में 12 राज्यों के परिवहन मंत्रियों एवं उनके प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
श्री युनुस खान सहित आंध्रप्रदेश, बिहार, गोवा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मिजोरम, उड़ीसा, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, तेलंगाना एवं मेघालय के परिवहन मंत्रियों के अतिरिक्त राज्य एवं परिवहन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे।

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By Shekhawat Sab

Friday, 26 May 2017

सड़क दुर्घटना के कारण

दुर्घटना से देर भली। तो इसके लिए हम क्या करें।


1. यातायात नियमो का पालन करें।


2. एम्बुलेंस को तुरन्त रास्ता दे।


3. डीवाइडर के पास वाली लेन हमेशा बडे वाहनों के लिये खाली छोड़े।


4. हमेशा नियंत्रित गति मे वाहन चलायें।


5. बेवजह और गलत ओवरटेक ना करे।


6. सड़क पर गंदगी ना करे।


7. बेवजह हॉर्न ना बजाये।


8. सड़क पर घायल की तुरन्त सहायता करें।


9. सीट बेल्ट और हैलमेट का हमेशा प्रयोग करे।


10. शराब पीकर वाहन ना चलायें।


11. घर से निकलते समय वाहन की प्राथमिक जाँच अवश्य करके निकले।


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Shekhawat Sab

Wednesday, 24 May 2017

सड़क पर आपके अधिकार एवं कर्तव्य


सड़क पर क्या हैं आपकी ड्यूटी और अधिकार


 पर चलते हुए आपके कुछ राइट्स हैं और कुछ ड्यूटी और ये दोनों ही चीजें आपकी और दूसरों की सेफ्टी के लिए जरूरी हैं। अपने तमाम राइट्स एंजॉय करने और ड्यूटी को पूरा करने के लिए आपको नियमों की पूरी जानकारी होनी चाहिए। आइए जानें ट्रैफिक से जुड़े ऐसे नियम जो आपके काम के हो सकते हैं:



कागज कौन-कौन से: ड्राइविंग करते वक्त आपके पास ये डॉक्युमेंट्स होने ही चाहिए:- ड्राइविंग लाइसेंस, वीइकल का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट यानी आरसी, वीइकल का इंश्योरेंस सर्टिफिकेट और वैलिड पल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट। इनमें ड्राइविंग लाइलेंस और वैलिड पल्यूशन सर्टिफिकेट आपके पास ओरिजनल होने चाहिए, जबकि आरसी और इंश्योरेंस सर्टिफिकेट की फोटो कॉपी भी अपने पास रख सकते हैं

इन मामलों में होगा लाइसेंस जब्त: ट्रैफिक के नियम तोड़ने पर ट्रैफिक पुलिस के पास यह पावर है कि वह नियम तोड़ने वाले का लाइसेंस जब्त कर ले। लाइसेंस की यह जब्ती तीन महीने के लिए होगी। नीचे दिए गए मामलों में लाइसेंस जब्त किया जा सकता है:- रेड लाइट जंप करना, सामान की ओवरलोडिंग, बोझा ढोने वाले वाहनों में सवारी लेकर चलना, शराब पीकर या ड्रग्स लेकर गाड़ी चलाना, ड्राइविंग करते हुए मोबाइल पर बात करना और ओवर स्पीडिंग।

चालान के नियम:चालान 3 तरह के होते हैं:1- ऑन द स्पॉट चालान: ये चालान तब काटे जाते हैं, जब नियम तोड़ने वाले को पुलिस रंगे हाथों पकड़ लेती है और उसे चालान थमाकर वहीं जुर्माना वसूल लेती है। कोई अगर उस वक्त जुर्माना नहीं भरना चाहे तो पुलिस डीएल जमा कराकर चालान दे देती है, जिसे बाद में जमा कराया जा सकता है।

2- नोटिस चालान: अगर कोई नियम तोड़कर भाग गया तो पुलिस उसका नंबर नोट कर उसके घर चालान भिजवा देती है। इस चालान का जुर्माना भरने के लिए आरोपी को एक महीने का वक्त दिया जाता है। अगर समय पर जुर्माना नहीं भरा गया तो चालान कोर्ट भेज दिया जाता है।

3- कोर्ट के चालान: कोर्ट के चालान आमतौर पर कानून तोड़ने की ऐसी गंभीर घटनाओं में दिए जाते हैं, जिनमें जुर्माना और सजा दोनों का प्रावधान है। शराब पीकर गाड़ी चलाना ऐसा ही मामला है। ये किए तो ऑन द स्पॉट ही जाते हैं, लेकिन इनका जुर्माना पुलिसकर्मी नहीं वसूलते। इसके लिए कोर्ट ही जाना होता है।

कौन कर सकता है फाइन: 100 रुपये से ज्यादा का फाइन है तो हेड कॉन्स्टेबल से ऊपर का ट्रैफिक ऑफिसर यानी एएसआई या एसआई ही कर सकता है। हेड कॉन्स्टेबल को 100 रुपये तक का फाइन लेने का हक है। कॉन्स्टेबल को फाइन करने का हक नहीं है। वे सिर्फ गाड़ी का नंबर नोट कर सकते हैं।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस में कॉन्स्टेबल से लेकर एसआई रैंक तक के पुलिसवाले सफेद रंग की वर्दी पहनते हैं, जबकि इंस्पेक्टर और उससे ऊपर के अधिकारी खाकी वर्दी पहनते हैं और सफेद बेल्ट लगाते हैं। कोई ट्रैफिक वाला आपका चालान तभी काट सकता है, जब उसने वर्दी पहनी हुई हो और उस पर नेमप्लेट लगाई हुई हो। अगर उसने वर्दी नहीं पहनी है या नेम प्लेट नहीं लगाई है तो आप उसकी कार्रवाई का विरोध कर सकते हैं।

अगर आपके पास ऑन द स्पॉट फाइन देने के लिए पैसे नहीं हैं तो आपको कोर्ट में जाने के लिए चालान जारी कर दिया जाएगा। दी गई तारीख को आपको कोर्ट में पेश होना होगा, लेकिन ऐसी स्थिति में पुलिसवाले आपका ओरिजनल डीएल अपने पास रख लेंगे और डीएल जमा करवाने की रसीद आपको देंगे। कोर्ट में पेश होने के बाद ही आपको अपना डीएल मिलेगा।

कुछ सवाल-जवाब
पुलिस किन स्थितियों में गाड़ी को टो कर सकती है?कोई वीइकल लावारिस हालत में खड़ा हो। जहां पार्किंग की इजाजत नहीं है, वहां पार्क किया गया हो। इस तरह से पार्क किया गया हो, जिससे दूसरे लोगों को परेशानी हो रही हो।

नशे में गाड़ी चलाने पर क्या सजा है?- अगर कोई ड्राइवर शराब पीकर गाड़ी चला रहा है और उसके खून में ऐल्कॉहॉल की मात्रा 30 एमजी प्रति 100 एमएल से ज्यादा है या उसने इतनी मात्रा में ड्रग्स लिया हुआ है कि उसका वाहन पर नियंत्रण नहीं रह सकता, तो उसे नशे की हालत में गाड़ी चलाने का आरोपी माना जाता है। पहली बार यह जुर्म करने पर आरोपी को छह महीने तक की जेल या दो हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है। अगर पहले जुर्म के तीन साल के अंदर कोई दोबारा ऐसा करता है तो उसे दो साल तक की जेल या तीन हजार रुपये तक का फाइन या दोनों हो सकते हैं।

अब पुलिस ऐसे शख्स का लाइसेंस भी तीन महीने के लिए जब्त कर सकती है। ऐसे मामलों में पुलिस ऑन द स्पॉट फाइन नहीं करती। सभी चालान कोर्ट भेजे जाते हैं और कोर्ट ही फाइन लगाती है। अगर आप दी गई तारीख को कोर्ट में पेश नहीं होते हैं तो आपको समन और वॉरंट जारी हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में गिरफ्तारी भी हो सकती है।

मान लें, मुझे शराब पीकर गाड़ी चलाने के आरोप में पकड़ लिया गया। चालान कटवाने के बाद क्या मैं खुद ड्राइव करके जा सकता हूं?- नहीं। आपको किसी दूसरे ड्राइवर की मदद लेनी होगी, जो नशे में न हों या फिर अपनी कार को पुलिस के पास छोड़कर कैब लेकर जाना होगा। कोर्ट कार्यवाही पूरी होने पर आपकी कार वापस मिलेगी।

मैं चाहता हूं कि शराब इतनी ही लूं कि गाड़ी ड्राइव करके जा सकूं। इस लिमिट का अंदाजा कैसे लगाया जा सकता है?- ऐसा कोई पक्का नियम तो नहीं है, लेकिन मोटे तौर पर माना जाता है कि बियर की एक बोतल/30 एमएल विस्की या रम आपको मान्य लिमिट यानी 30 यूनिट के नीचे रखती है। इससे ज्यादा लेने पर आप लिमिट पार कर जाते हैं। वैसे, हमारा शरीर भी एक घंटे में 10 यूनिट बर्न कर देता है। कुल मिलाकर यह सब इस पर भी निर्भर करेगा कि आपने पीने के कितनी देर बाद गाड़ी चलाना शुरू किया है। अगर ज्यादा पी रहे हैं तो ज्यादा देर से ड्राइविंग शुरू करें। पुलिसवाले वीइकल को जब्त कर सकते हैं।

अगर हां, तो किन स्थितियों में?- ट्रैफिक पुलिसवाले नीचे दी गई स्थितियों में गाड़ी को जब्त कर सकते हैं: अगर कोई बिना वैलिड लाइसेंस के गाड़ी चला रहा है। अगर कोई नाबालिग गाड़ी चला रहा है। अगर वीइकल को बिना रजिस्ट्रेशन के चलाया जा रहा है। ट्रांसपोर्ट वीइकल को बिना वैलिड परमिट के चलाया जा रहा है।
ट्रैफिक सिग्नल यलो था और उसी वक्त मैंने स्टॉप लाइन क्रॉस कर दी, लेकिन आगे ट्रैफिक होने के कारण जंक्शन क्रॉस नहीं कर पाया। इसी बीच लाइट रेड हो गई। मेरे ऊपर सिग्नल जंप करने का फाइन लग गया। क्यों?- यलो सिग्नल सिर्फ उन लोगों के लिए है, जो पहले ही स्टॉप लाइन क्रॉस कर चुके हैं और जंक्शन क्रॉस करने वाले हैं। अगर ग्रीन लाइट यलो में बदल गई है तो आपको स्टॉप लाइन क्रॉस करने का हक नहीं है। यलो लाइन है तो फौरन रुकें, क्रॉस करने की कोशिश करेंगे तो नियम का उल्लंघन होगा।

मेरी मौजूदगी में किसी गाड़ी वाले ने किसी को टक्कर मार दी। मैं क्या करूं?- आप इस घटना के गवाह हुए। आपको शिकार हुए शख्स की मदद करनी चाहिए और ऐक्सिडेंट करने वाले की गाड़ी का नंबर नोट कर पुलिस को सूचना देनी चाहिए। आपकी ही तरह के दूसरे लोग भी वहां होंगे, उन्हें ऐक्सिडेंट करने वाले के साथ मारपीट करने या उसके वाहन को नुकसान पहुंचाने का हक नहीं है। उन्हें पुलिस को ही सूचना देनी चाहिए। आपको प्रो-ऐक्टिव होना चाहिए, डिस्ट्रक्टिव नहीं।

अगर हमारी गाड़ी से किसी का ऐक्सिडेंट हो जाए तो हमें क्या करना चाहिए?- पुलिस को सूचित करें और फौरन उस शख्स को मेडिकल हेल्प मुहैया कराएं। अगर आपकी गाड़ी में कोई खतरनाक (पेट्रोल या ऐसा ही कुछ जल्दी आग पकड़ने वाला) सामान ढोया जा रहा है तो आसपास के लोगों को वीइकल से दूर कर दें और स्मोकिंग न करें।

ट्रैफिक नियम तोड़ने के आरोप में जब पुलिसवाले किसी को रोकते हैं तो उसकी गाड़ी की चाबियां निकाल लेते हैं। क्या यह सही है?- ऐसा वे इसलिए करते हैं, क्योंकि लोग भागने की कोशिश करते हैं और अपनी और दूसरों की जिंदगी खतरे में डालते हैं। वैसे, चाबी निकालने का हक ट्रैफिक पुलिस वालों को नहीं है। ऐसा करना सही प्रैक्टिस नहीं माना जाता। टिंटेड ग्लास के मामले में नियम क्या हैं? फ्रंट और बैक ग्लास में 70 फीसदी ट्रांसपैरंसी होनी चाहिए और साइड ग्लासेज में कम से कम 50 फीसदी ट्रांसपैरंसी जरूरी है।

किस गुनाह के लिए कितना जुर्माना:इनमें होता है 100 रुपये का जुर्माना:- डिफेक्टिव नंबर प्लेट 100 रुपये, बिना सीट बेल्ट के ड्राइविंग 100 रुपये, गलत जगह पार्क करना 100 रुपये, रेड लाइट जंप करना 100 रुपये, इंडिकेटर दिए बगैर मुड़ना 100 रुपये, पीयूसी के बिना गाड़ी चलाना 100 रुपये, प्रेशर हॉर्न का प्रयोग 100 रुपये, बिना हेलमेट टूवीलर चलाना या पीछे बैठना 100 रुपये, गाड़ी पर अवैध तरीके से लाल बत्ती लगाना 100 रुपये, टू वीलर पर तीन सवारी 100 रुपये।

इनमें होता है 100 रुपये से ज्यादा का जुर्माना:- ओवरस्पीडिंग 400 रुपये, बिना लाइसेंस के ड्राइविंग 500 रुपये, नाबालिग का ड्राइविंग करना 500 रुपये, ड्राइविंग के दौरान मोबाइल पर बात 1000 रुपये, ट्रैफिक इंस्पेक्टर से दुर्व्यवहार 1000 रुपये, बिना इंश्योरेंस के ड्राइविंग 1000 रुपये, बिना रजिस्ट्रेशन गाड़ी चलाना 2000 रुपये, ऑड-ईवन का नियम तोड़ने पर 2000 रुपये


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Friday, 19 May 2017

टू व्हीलर चालक ध्यान दें।

गाडी चलाते समय याद रखें।
– अच्छी क्वालिटी का फुल मास्क हेलमेट पहनें.
– आगे और पीछे की लाइट्स काम कर रही हैं कि नहीं, इसका ध्यान हमेशा रखें.
– मुड़ते व़क्त इंडिकेशन ज़रूर दें.
– आगे और पीछे दोनों ब्रेक्स का इस्तेमाल एक साथ सही ढंग से करें.
– सुरक्षित दूरी बनाकर ही ड्राइव करें.
क्या न करें?
– कभी भी टेढ़े-मेढ़े यानी ज़िग-ज़ैग तरी़के से ड्राइव न करें, जो अक्सर टू व्हीलर वाले करते हैं.
– बहुत तेज़ रफ़्तार से बचें.
– अचानक ब्रेक न लगाएं.
– ग़लत साइड से ओवरटेक न करें.
– फोन का इस्तेमाल न करें.
– शराब पीकर ड्राइव न करें.
– बहुत ज़्यादा वज़न लेकर ड्राइव न करें.
चाहे पैदल यात्री हों या वाहन चालक, आप हमेशा यह बात याद रखें कि आपकी जरा-सी लापरवाही न स़िर्फ आपकी, बल्कि दूसरों की भी जान ले सकती है. कोशिश करें कि ज़िम्मेदार नागरिक बनें और नियमों का उल्लंघन न करें.

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Tuesday, 9 May 2017

महाराणा प्रताप जी, महान योद्धा और वीर शिरोमणी का जन्म 9 मई, 1540

  • महाराणा प्रताप जी की 476वीं जयंती: सिर्फ 20000 सैनिक लेकर अकबर के 85000 सैनिको से राणा ने संग्राम किया था।

महाराणा प्रताप का वजन 110 किलो और लंबाई 7’5 फीट थी। 
महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 को हुआ था. हिन्दू पंचांग विक्रम सम्वत के अनुसार उनकी जयंती प्रतिवर्ष ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. कहा जाता है कि महाराणा प्रताण एक ऐसे योद्वा थे जिन्‍हें मुगलों के आगे झुकना मंजूर नहीं था. आइए जानते हैं महाराणा प्रताप के बारे में कुछ खास बातें.
  • महाराणा प्रताप का जन्म राजस्थान के मेवाड़ में कुम्भलगढ़ में सिसोदिया राजवंश के महाराणा उदयसिंह एवं माता राणी जीवत कंवर के घर हुआ था. महाराणा प्रताप ने कभी किसी अधीनता स्वीकार नहीं की. उनका नाम इतिहास में वीरता और दृढ़ प्रण के लिये अमर है.
  • इतिहास की मानें तो महाराणा प्रताप को बचपन में कीका कहा जाता था. इतना ही नहीं ये भी कहा जाता है कि महाराणा प्रताप ने अपने जीवन में 11 शादियां की थीं.
  • हल्दीघाटी का प्रसिद्ध युद्ध महाराणा प्रताप और मुगल बादशाह अकबर के बीच 18 जून, 1576 ई. को लड़ा गया था. माना जाता है कि महाराणा प्रताप और अकबर के बीच यह युद्ध महाभारत युद्ध की तरह विनाशकारी सिद्ध हुआ था. हालांकि इस युद्ध में न महाराणा प्रताप की हार हुई और न ही अकबर जीत सका.
  • कहा जाता है कि अकबर की ताकत को देखने के बावजूद महाराणा प्रताप उनके आगे झुकने को तैयार नहीं थे. अकबर ने कई बार अपने दूत भेजकर मेवाड़ को अपनी रियासत में मिलाने की कोशिश की.
  • महाराणा प्रताप के घोड़े का नाम चेतक था, जो काफी तेज दौड़ता था. अपने राजा को बचाने के लिए वह 26 फीट लंबे नाले के ऊपर से कूद गया था.
  • महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक का एक मंदिर भी बना है जो आज भी हल्दी घटी में सुरक्षित है.
  • महाराणा प्रताप की तलवार, कवच उदयपुर राज घराने के मियुजियम में आज भी सुरक्षित रखी हुई हैं.
  • महाराणा प्रताप के जीवन और हल्दीघाटी संग्राम के बारें में हमने किताबों में खूब पढ़ा है। महाराणा प्रताप की ताकत का अंदाजा बस इसी बात से लगाया जा सकता था है की उन्होंने कभी अपने दुश्मनों के आगे सर को नही झुकाया। आज महाराणा प्रताप की 476वीं जयंती है। लेकिन क्या आप जानतें हैं सोलहवीं शताब्दी के राजपूत शासकों में महाराणा प्रताप ऐसे शासक थे, जो अकबर को लगातार टक्कर देते रहे। अकबर ने कई बार महाराणा प्रताप को अपने साथ आने का न्योता देता रहा लेकिन महाराणा प्रताप ने उसकी गुलामी को स्वीकार नही किया।
    जब महाराणा प्रताप का जन्म हुआ, तब दिल्ली के तख़्त पर बादशाह अकबर का शासन था और उसकी रणनीति थी कि वह सभी राजा-महाराजाओं को अपने आधीन कर राजस्थान पर मुगल साम्राज्य का ध्वज फहराना चाहता था। वहीँ मेवाड़ को मुगलों के आतंक से बचाने के लिए महाराणा प्रताप ने यह प्रतिज्ञा ली थी कि जब तक मेवाड़ आजाद नहीं होगा, वे महलों को छोड़ जंगलों में रहूंगा। और इसीलिए महाराणा प्रताप ने इस गुफा को अपना शस्त्रागार बनाने के लिए चुना था। 
    महाराणा प्रताप ने सोने चांदी और महलो को छोड़ वो 20 साल मेवाड़ के जंगलो में रहें और वहां ख़ास की रोटी खाते थे लेकिन अकबर के आगे झुके नही। अकबर ने एक बार कहा था की अगर महाराणा प्रताप और जयमल मेड़तिया मेरे साथ होते तो हम विश्व विजेता बन जाते। जब महाराणा प्रताप के देहांत की खबर अकबर ने सुना तो उनकी बहादुरी को याद कर के वो भी रो पड़ा था।
    महाराणा प्रताप से जुडी 5 महत्वपूर्ण जानकरी :
    1 - आप जानतें हैं महाराणा प्रताप के भाले का वजन 80 किलो था और कवच का वजन 80 किलो था और कवच भाला,कवच,ढाल,औरहाथ मे तलवार का वजन मिलाये तो 207 किलो।
    2 - महाराणा प्रताप का वजन 110 किलो और लंबाई 7’5 फीट थी, महाराणा प्रताप कि तलवार कवच आदि सामान उदयपुर राज घराने के संग्रालय में सुरक्षित है।
    3 - अकबर ने राणा प्रताप को कहा था की अगर तुम हमारे आगे झुकते हो तो आधा भारत आप का रहेगा, लेकिन महाराणा प्रताप ने कहा मर जाऊँगा लेकिन मुगलों के आगे सर नही नीचा करूंगा।
    4 - अकबर ने अपने 85000 सैनिक लेकर राणा प्रताप से लड़ाई लड़ने आया था जब की राणा प्रताप के पास सिर्फ 20,000 सैनिक थे।
    5 - आज हल्दी घाटी के युद्ध के 300 साल बाद भी वहां की जमीनो में तलवारे पायी जाती हैं।

Monday, 1 May 2017

सड़क सुरक्षा सम्बन्धी जागरूकता और नियम पालन

हम सुधरेंगे तो जग सुधरेगा। सड़क पर आपकी सतर्कता और जागरूकता आपकी, अपनो की और दूसरों की जान बचाती हैं।
चाहे पैदल यात्री हों या वाहन चालक, सड़क संबंधी नियमों का पालन सभी के लिए बेहद ज़रूरी है, ताकि आकस्मिक दुर्घटनाओं से बचा जा सके. ऐसे में ज़रूरी है कि आप न स़िर्फ रोड सेफ्टी रूल्स के बारे में जानें, बल्कि इनका पालन भी करें.

एक नज़र इन आंकड़ों पर डालें-
– भारत में हर साल 1,20,000 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं और 12,70,000 लोग गंभीर रूप से घायल होते हैं.
– अगर आंकड़ों की बात करें, तो भारत में हर छह मिनट में एक मौत सड़क दुर्घटना में होती है और वर्ष 2020 तक यह आंकड़ा हो जाएगा- हर 3 मिनट में एक मौत.
– यह आंकड़े भी स़िर्फ उन दुर्घटनाओं के हैं, जिनके बारे में रिकॉर्ड रहता है, जबकि ग्रामीण इलाकों में कई दुर्घटनाओं के बारे में पता तक नहीं चलता, जिसका सीधा-सीधा मतलब यह है कि सही आंकड़े इससे कहीं अधिक गंभीर हो सकते हैं.
– पूरे विश्‍व के मुक़ाबले अकेले भारत में 10% मौतें सड़क दुर्घटनाओं में होती हैं.
– नेशनल ट्रांसपोर्टेशन प्लानिंग एंड रिसर्च सेंटर (एनटीपीआरसी) के एक्सपर्ट्स के मुताबिक, विकसित देशों के मुक़ाबले भारत में सड़क दुर्घटनाएं 3 गुना अधिक होती हैं. आंकड़े और भी बहुत हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि इन दुर्घटनाओं को कम कैसे किया जाए?
– सबसे ज़रूरी है कि सड़क से संबंधित मूल नियमों का ईमानदारी से पालन किया जाए, चाहे वो सड़क पर चलनेवाले लोग हों या वाहन

चालक. यदि सभी नियमों का सही तरी़के से पालन करेंगे, तो दुर्घटनाएं कम होंगी.
– सुरक्षा नियमों का पालन बच्चों को सिखाना बहुत ज़रूरी है और यह तभी संभव है, जब पैरेंट्स और टीचर्स ख़ुद इन नियमों का पालन करें.
– चलते व़क्त हमेशा फुटपाथ का उपयोग करें. जहां फुटपाथ न हों, वहां सड़क के एकदम बाईं ओर ही चलें.
– कभी भी धैर्य खोकर जल्दबाज़ी न दिखाएं. सिग्नल तोड़कर या सामने से गाड़ी को आता देख भागकर रोड क्रॉस कभी न करें.
– सड़क क्रॉस करते व़क्त ज़ेब्रा क्रॉसिंग सिग्नल, सब-वे, फुट ओवर ब्रिज का उपयोग करें. जिन जगहों पर ये सुविधाएं न हों, वहां सुरक्षित जगह देखकर क्रॉस करें.
– ग्रीन सिग्नल के व़क्त ही रोड क्रॉस करें या फिर यदि वहां ट्रैफिक पुलिस है, तो उसके निर्देशों के अनुसार सड़क क्रॉस करें.
– जो लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें भी ध्यान रखना चाहिए कि कभी भी भागकर बस न पकड़ें.
– हमेशा कतार में रहें और उसी के अनुसार बस में चढ़ें. हैंडल पकड़कर रखें.
– उतरते व़क्त भी बस के पूरी तरह से रुकने पर ही उतरें, चलती बस से कभी न उतरें.
– सड़क क्रॉस करते व़क्त या सामान्य रूप से सड़क पर चलते व़क्त भी मोबाइल या हैंड्स फ्री का इस्तेमाल न करें. यदि बात करनी है, तो एक सुरक्षित जगह देखकर, रुककर बात करें.
– हैंड सेट को तेज़ वॉल्यूम पर रखकर गाने सुनते हुए न चलें, इससे गाड़ी के हॉर्न की आवाज़ वग़ैरह आप सुन नहीं पाएंगे.
– सड़क क्रॉस करते समय दोनों तरफ़ अच्छी तरह देखकर ही क्रॉस करें.
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सड़क सुरक्षा और सरकारी पहल

सड़क सुरक्षा और नियमों का पालन हम सबकी जिम्मेदारी हैं। 

परिवहन विभाग राजस्थान द्वारा सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण नौ जिलो के 215 शिक्षको को

Rajasthan - Road Safety Training by Transportation Department

राजस्थान में मंगलवार को परिवहन विभाग द्वारा पुलिस अकादमी में सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए पाँच दिनों का सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण शुरू किए है. इस प्रशिक्षण के लिए नौ जिलो के शिक्षको को चुना गया है. 
परिवहन विभाग राजस्थान के प्रभारी परिवहन उपायुक्त निधि सिंह ने कहा कि, यह प्रशिक्षण यातायात दुर्घटनाओ में कमी लेन के लिए है. इस प्रशिक्षण में कार्य योजना 2016-17 के तहत सेण्टर फॉर सेफ्टी, सरदार पटेल पुलिस विश्वविद्यालय, जोधपुर एवं शिक्षा विभाग सहयोग से आयोजित किये जायेंगे.

सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण में शामिल राज्य:-

जोधपुर, पाली, अजमेर,टोक, कोटा, राजसमन्दर, सिरोही, डूंगरपुर, बांरा आदि नौ जिलो से 215 शिक्षक सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण से प्रशिक्षण लेंगे.

सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण का लक्ष्य:-

निधि सिंह ने बताया कि, सड़क दुर्घटनों में 2020 तक 50% कमी करने का लक्ष्य है, जिसके लिए शिक्षको व विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा कि जानकारी होने बहुत जरूरी है. सरकारी स्कूलों के शिक्षाओ के प्रशिक्षण प्राप्त करने पर शिक्षक ‘ सड़क सुरक्षा ‘ विषय में प्रशिक्षक के रूप में तैयार होंगे. शिक्षा विभाग द्वारा भी 6 से 10 तक पाठ्यक्रम में इस विषय को सम्मिलित कर छात्रों को जागरूक करना है. सड़क सुरक्षा विषय को सम्मिलित कर उस पर आधारित सवालो को परीक्षा में शामिल किए जाएगा.

सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण द्वारा अधययन:-

सेण्टर फॉर रोड सेफ्टी कि ओडिंटर प्रेरणाने बताया कि, सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण के द्वारा शिक्षको को सड़क सुरक्षा से जुडी सभी जानकारियो के बारे में बताया जाएगा, जैसे कि;
  • वाहन तकनीक,
  • मोटर वाहन अधिनियम,
  • लाइसेंस प्रणाली,
  • सड़क दुर्घटना न्यूरो,
  • मस्तिष्क सम्बन्धी जानकारी,
  • दुर्घटना के बाद प्राथमिक सहायता,
  • सीपीआर आदि.
  • सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण के पहले दिन सड़क उपयोगकर्ता के व्यवहार, अनुशासन, सम्मान के बारे में बताया गया. शिक्षकों को भारत और विदेशो के सड़क उपयोगकर्ता कि संस्कृति में अंतर बताते हुए सड़क दुर्घटनाओ कि विडियो के माध्य्म से कारणों को स्पष्ट किया.
    सरकार के अच्छे प्रयास को हमारे द्वारा जनहित में प्रसारित
    धन्यवाद ।

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