Traffic foundation

Friday, 29 January 2021

वाहन चालकों के लिए सड़क सुरक्षा नियम

एक अच्छे चालक को हमेशा सतर्क और जागरूक होना चाहिए सड़क सुरक्षा के सभी दिशा निर्देशों की जानकारी होनी चाहिये स्वयं के और वाहन के सभी जरूरी कागजात साथ में होने चाहिए। कुछ आवश्यक जानकारियां-

वाहन चलाने से पहले

  1. वाहन चलाने से पहले चालक का स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए।
  2. चालक को हमेशा विनम्र और धैर्यशील रहना चाहिए।
  3. ड्राइविंग करने से पहले किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए।
  4. ऐसे जूते, चप्पल या पोशाक न पहनें जिससे आपको ड्राइविंग में कठिनाई हो ।
  5. कार में सामान को इस तरह न रखें कि आपको ड्राइविंग में किसी भी कोण पर मोड़ने में कोई कठिनाई हो।
  6. चलने से पहले एक बार वाहन के चारों ओर घूम कर निरीक्षण जरूर करें कि कहीं वाहन के टायर या किसी अन्य पार्ट में कोई तकनीकी खराबी तो नहीं है।
  7. गाड़ी में बैठकर ड्राइविंग करने से पहले पेट्रोल की मात्रा जरूर चेक करें ताकि यात्रा के समय आपको कोई परेशानी ना हो।
  8. गाड़ी स्टार्ट करने से पहले सीट बेल्ट जरूर लगाएं।
  9. चलने से पहले साइड मिरर को अपने हिसाब से सेट कर ले ताकि बाद में ड्राइविंग करते समय आपको पीछे की वस्तु देखने में कोई कठिनाई न हो।

वाहन चलाते समय

  1. वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग ना करें।
  2. ड्राइविंग के दौरान तेज गति का संगीत ना सुने।
  3. गाड़ी के अंदर बच्चों या जानवरों के साथ ध्यान न बटाए।
  4. गाड़ी चलाते समय न अति आत्मविश्वास रखें और न ही आत्मविश्वास की कमी होनी चाहिए।
  5. गति सीमा पार न करें।
  6. ट्रैफिक सिग्नल का हमेशा पालन करें, लाल पर रुके, पीले पर चलने के लिए तैयार हो और हरे पर चलें।
  7. मोड पर गाड़ी मोड़ते समय इंडिकेटर (लैंप) का प्रयोग करें। यदि लैंप खराब हो तो हाथ का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  8. जैसा कि भारत में हमें बाई दिशा में ड्राइविंग करनी होती है तो वाहन को हमेशा बाई दिशा मेंं ही चलाएं।
  9. वाहन हमेशा लेन के निशानों के अंदर ही चलाएं।
  10. लेन बदलते समय हमेशा MSM और PSL तकनीक का प्रयोग करें।

    MSM

    M:- मिरर – शीशे में देखें।

    S:- सिग्नल- सिग्नल दे।

    M:- मेनू बर- लेन बदलें।

    PSL- इसका प्रयोग हम MSM के साथ ही करते हैं।

    P:- पोजीशन-वाहन मोड़ते समय वाहन को सही पोजीशन दें।

    S:- स्पीड- गति नियंत्रित करें।

    L:- लुक:- देखें कि आपकी इच्छित लेन खाली है या नहीं।

  11. जेबरा क्रॉसिंग पर हमेशा धीरे चलें।
  12. खड़े वाहन की साइड से जाते समय अपनी गाड़ी की गति धीमी रखें क्योंकि वहां से कोई भी बच्चा या बुजुर्ग निकल सकता है।
  13. सड़क का इस्तेमाल करने वाले हर एक व्यक्ति के लिए किन्ही विशेष परिस्थितियों या स्थानों पर रास्ता पाने का अधिकार होता है। ट्रैफिक को सहजता पूर्वक चलाने के लिए और सड़क का इस्तेमाल करने वाले सभी व्यक्तियों के हित के लिए हमें उन पर भड़कने की बजाय उन्हें रास्ता देना चाहिए।
  14. लाल/ नीली बत्ती वाले वाहन जैसे एंबुलेंस अग्निशामक आदि को रास्ता देना चाहिए।
  15. रात्रि के समय ड्राइविंग करते हुए आगे से आते वाहन को देख अपनी हैडलाइट्स नीची कर लेनी चाहिए। ताकि आगे से आने वाले वाहन चालक को रास्ता दिखाई दे सके।
  16. पहाड़ों के ऊपर को आते हुए वाहनों को नीचे जाने वाले वाहनों द्वारा रास्ता दिया जाता है। ऐसे में आपको अपना वाहन बाई ओर रखना चाहिए या अपनी गाड़ी रोककर उन्हें रास्ता देना चाहिए।
  17. अपने वाहन की गति के हिसाब से दूसरे वाहनों से निश्चित दूरी बनाए रखें ताकि दुर्घटना से बचा जा सके।

Thursday, 21 January 2021

पैदल यात्रियों के लिए सड़क सुरक्षा के नियम

32वें सड़क सुरक्षा माह मे जन जागरुकता की कुछ महत्वपूर्ण याद रखने योग्य बातें  



  1. सड़क पर पैदल यात्रा करते समय हमेशा वाहनों से सतर्क रहें।
  2. हमेशा फुटपाथ पर ही चलें जहां फुटपाथ ना हो वहां हमेशा बाईं ओर चलें।
  3. रात में सड़क पर निकलने से पहले हो सके तो सफेद या हल्के रंग के व चमकीले कपड़े पहने। ताकि वाहन चालक को आप दूर से दिखाई दे।
  4. बच्चों के साथ चलते समय उनका हाथ पकड़े रखें और उन्हें ट्रैफिक की तरफ न चलने दें।
  5. सड़क पार करते समय हमेशा ज़ैब्रा क्रॉसिंग का इस्तेमाल करें और जहां ज़ैब्रा क्रॉसिंग ना हो वहां दोनों तरफ देखें और फिर सड़क पार करें।
  6. शराब पीकर सड़क पर ना चले।
  7. सड़क पार करते समय मोबाइल फोन का प्रयोग ना करें।
  8. तीव्र मोड़ पर सड़क पार ना करें।
  9. रेलिंग से छलांग लगाकर सड़क पार ना करें।
  10. पुलिस एंबुलेंस या कोई भी आपातकालीन वाहन को रास्ता दें।
  11. जागरुक बने सतर्क रहें।
  12. Be aware - Be alert 

Monday, 18 January 2021

32वां सड़क सुरक्षा सप्ताह

32वां सड़क सुरक्षा सप्ताह इस वर्ष 11 जनवरी से 17 जनवरी तक सम्पन्न हुआ।पर इस वर्ष सड़क सुरक्षा माह का आयोजन होगा जो 18 जनवरी से 17 फरवरी तक मनाया जायेगा।



  हमारे देेश में हजारों लोग सड़क हादसों में जान गवां देते हैं। सड़क दुर्घटनाओं कमी लाने के उद्येश्य से जनवरी महीने में हर वर्ष राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह (National Road Safety Week) मनाया जाता है, जिसके तहत आम लोगों को यातायात से जुड़े नियमों के बारे में जानकारी दी जाती है।

अंतरराष्ट्रीय सड़क संगठन (आईआरएफ) की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में 12.5 लाख लोगों की प्रति वर्ष सड़क हादसों में मौत होती है। इसमें भारत की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत से ज्यादा है।एनसीआरबी के आँकड़ो के मुताबिक साल 2019 में 4,37,396 सड़क हादसे हुए, जिनमें 1,54,732 लोगों की जान गई और 4,39,262 लोग घायल हुए।

59.6 फीसदी सड़क दुर्घटनाओं का कारण तेज रफ्तार रही, वहीं ओवर स्पीडिंग की वजह से सड़क दुर्घटना में 86,241 लोगों की मौत हुई जबकि 2,71,581 लोग घायल हुए। इन सभी दुर्घटनाओं के पीछे शराब/मादक पदार्थों का इस्‍तेमाल, वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करना, वाहनों में जरुरत से अधिक भीड़ होना, वैध गति से अधिक तेज़ गाड़ी चलाना और थकान आदि होना है।

भारत में यातायात के नियम-

वन वे-

जब आप किसी एक दिशा मे गाड़ी चला रहे होते है तो ध्यान रखें की आप सही दिशा मे ही गाड़ी को चलाएं। गलत दिशा में गाड़ी चलाने से एक्सीडेंट होने का ख़तरा बढ़ जाता है। इसलिए वन वे पर सावधानी पूर्वक गाड़ी चलायें।

ओवेरटेक ना करे-

जल्दी पहुँचने की चाह मे हम कई बार गाड़ी ओवेरटेक करने की कोशिश करते हैं जो की काफ़ी ख़तरनाक होता है। किसी बड़ी गाड़ी को ओवेरटेक करने से पहेले भली भांति जांच ले कि आपके ओवेरटेक करने से आपको ओर दूसरे चालकों को परेशानी ना हो। ओवेरटेक करने से एक्सीडेंट होने के ज़्यादा आशंका रहती है।

लगातार हॉर्न न बजाएं-

आपने अक्सर ट्रॅफिक मे लोगो को लगातार हॉर्न बजाते हुए देखा होगा और भारत मे तो ये आम बात है। कुछ लोगो को ये लगता है की अगर वे ज़्यादा हॉर्न का प्रयोग करेंगे तो ट्रेफिक खुल जाएगा या सामने ट्रेफिक साफ हो जाएगा पर आप ग़लत है। जब आप अत्याधिक हॉर्न का प्रयोग करते है तो आगे वाला वाहन चालक दबाव मे आता है ओर ध्वनि प्रदूषण फैलता है सो अलग।

यू टर्न -

यू टर्न लेना बहुत ज़्यादा रिस्की होता है। बीच सड़क मे अगर आप यू टर्न लेते हैं तो ख़तरा कई गुना बाढ़ जाता है। यू टर्न लेने के लिए ज़रूरी है की पहेले आप सड़क के किनारे अपना वाहन रोके ओर अपने पीछे का ट्रॅफिक देखे, जब ट्रैफिक साफ हो तो यू टर्न लें।

स्पीड लिमिट -

जगह जगह आपने देखा होगा की बोर्ड मे लिखा होता है स्पीड लिमिट। स्पीड लिमिट जगह देखकर तय की जाती है। अगर स्पीड लिमिट 45 km/hr है तो वहां आप गाड़ी की स्पीड 45 से उपर ना रखें।

हैण्ड सिग्नल और इंडिकेटर –

रोड बदलने के समय हांथ से इशारा देना या इंडिकेटर देना सही होता है। अगर आप दाहिने (Right) दिशा मे जा रहे हैं तो दाहिना (right) इंडिकेटर या दाहिने हांथ (right hand) का प्रयोग करें ओर अगर लेफ्ट साइड मे जा रहे है तो लेफ्ट इंडिकेटर या लेफ्ट हांथ का इस्तेमाल करें।

वाहन को पार्किंग एरिया मे ही पार्क करें -

वाहन को पार्क करते समय जाँच ले की आप उसे पार्किंग एरिया मे पार्क कर रहे हैं या नही। वाहन को सही जगह पार्क करें और इस तरह से पार्क करें की वहां दूसरों को परेशानी ना हो।

सड़क सुरक्षा - जीवन रक्षा

Be aware - Be alert 

Wednesday, 13 January 2021

जरा सोच के देखिये सड़क दुर्घटना के बारे में

    


आज सड़क दुर्घटनाएं  होना आम बात हो गई है पर उसका दर्द हमें तभी पता चलता ह जब ये हादसे अपने या अपनो के साथ होते है या फिर आपने अपनी आंखो से ऐसे हादसों को और उनकी भयावहता को देखा हो।                     

   आज दुनिया भर में सड़क हादसे भयावह तरीके से बढ़ रहे हैं. हमारे भारत में भी उतरोतर सड़क दुर्घटनाओं की संख्याओं में बेहताशा वृद्धि हो रही हैं. मृत्यु के इस खेल में हजारों बेकसूर लोग मारे जाते हैं. वाहनों की बढ़ती संख्या तथा लापरवाही के कारण आज सड़क पर चलना या वाहन चलाना जोखिम भरा हो गया हैं. यातायात नियमों की अवहेलना तथा नशे में गाड़ी चलाना, कम उम्रः के लडकों द्वारा स्टंट आदि के कारण सड़क हादसे हो जाते हैं.

      प्रत्येक सड़क दुर्घटना दुर्दांत होती हैं मगर ट्रक और बस जैसे बड़े वाहनों के साथ घटित हादसों में अधिक जान माल का नुकसान होता हैं. देश में आज एक ऐसा बड़ा वर्ग बन गया हैं जिन्होंने सड़क हादसों में अपने कीमती अंग खो दिए हैं तथा अपाहिज होकर अपना जीवन काट रहे हैं. उनके जीवन की पीडाओं को देखकर विज्ञान की इस प्रगति से दिल उब सा जाता हैं. हमारा सड़क परिवहन तंत्र आज भी 50 के दशक के ढर्रे से चल रहा हैं पुरानी तकनीक के ट्रक और अनपढ़ ड्राईवर कम सैलरी तथा प्रशिक्षण के अभाव व बिना जांच पड़ताल पैसे के बल आसानी से ड्राइविंग लाइसेंस मिल जाने के कारण सड़क व्यवस्था बेहाल हैं.देश के अधिकतर वाहन चालकों को सड़क परिवहन के नियमों का भी ज्ञान नहीं हैं.

     यही नाइल्मी आगे चलकर भयावह सड़क हादसों को आमंत्रित करती हैं. जिनमें कई बेकसूर लोग भी मारे जाते हैं. हाइवे तथा सडकों के किनारे शराब की दुकाने भी सड़क हादसों को बढ़ाने में कारगर है नशे अथवा जल्दबाजी में हादसे घटित हो जाते हैं.

    दुर्भाग्य से मैं भी साक्षात मृत्यु के इस तांडव का साक्षी रहा हु. पिछले साल मैं अपनी स्कूल के बच्चों के साथ पिकनिक के लिए जा रहे थे. शाम को पिकनिक से लौटकर आ रहे थे हम जिस बस में सवार थे उसी के सामने तेज गति से एक ट्रक दौड़ा आ रहा था. सम्भवतः ड्राईवर शराब के नशे में था वह ट्रक को सड़क के दोनों तरफ भगाते हुए बस में गिरा दिया. इस भयानक हादसे में बस का अगला हिस्सा अस्त व्यस्त हो गया. ड्राईवर समेत आगे बैठे सभी यात्रियों की इस दुर्घटना में मृत्यु हो गई.

     भिड़त इतनी भयावह थी कि बस के शीशे टूट गये जिससे कई लोगों को भयानक चोटे आई. कई लोग घायल हुए तथा चारों ओर कोहराम मच गया. काफी समय तक मैं भी समझ नहीं पाया कि क्या हुआ हैं. मगर कुछ वक्त बाद जब मैंने देखा तो पुलिस और कई लोग मेरे आस पास थे. घायलों को एम्बुलेंस में ले जाया जा रहा था. मेरे एक स्टूडेंट्स को थोड़ी सी चोट आई, इश्वर की कृपा से सभी बच्चें सुरक्षित बच गये. मेरे जीवन में यह अब तक का सबसे भयावह नजारा था. मौत को इतना करीब से देखकर भी मैं बच्चो सहित जीवित था यह विश्वास कर पाना कठिन था.

     आज भी मैं किसी को शराब पीते देखता हूँ तो उन्हें रोकने का प्रयत्न करता हूँ. उस दिन महज एक व्यक्ति के नशे में होने के कारण 50 से अधिक लोगों का जीवन संकट में पड़ गया था. ईश्वर की कृपा से अधिकतर को मामूली चोटे ही थी, मगर जिनकी मृत्यु हो गई उनका जिम्मेदार वह ड्राईवर उसका नशा लापरवाही तथा हमारा तंत्र था जो ऐसे ही लाइसेंस जारी कर नशेड़ी लोगों को वाहन चलाने की अनुमति देता हैं. यह महज एक वाकया था न जाने हमारे देश में नित्य कितनी ऐसी ही घटनाओं में लोगों को प्राण गवाने पड़ते हैं.

   अत हमें अपनी दु पहिया वाहन पर हेलमेट लगाना चाहिये ।
चार पहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट लगा के रखनी चाहिये।
वाहन घर से लेकर चलने से पहले वाहन की पूरी जांच कर लेवे कि उसके गियर ब्रेक क्लच आयल हवा तेल पानी और कागजात सही व पूरे ह कि नहीं ।
ट्रैक्टर और डम्पर के पीछे भी पूरे रिफ्लेक्टर लगे हो।
वाहन की हेडलाईट बेकलाईट व इंडीकेटर भी सही होनी चाहिए।
बजरी चारे और कंक्रीट से भरे ट्रेक्टर और ट्रकों को ऊपर से ढक के ले जावे।
वाहन को गति सीमा के अन्दर ही चलावे।
सबसे महत्वपुर्ण बात यातायात नियमों का पालन करे।